एपल के एरिया सेल्स मैनेजर स्वर्गीय विवेक तिवारी की तेरहवीं पर आज उनकी पत्नी कल्पना तिवारी को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। कल्पना तिवारी को नगर विकास विभाग ने नगर निगम लखनऊ में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किया है। उनके आवास पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के साथ कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन तथा महापौर संयुक्ता भाटिया ने उनको नियुक्ति पत्र प्रदान किया। 
विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी को नगर निगम लखनऊ में विशेषकार्याधिकारी (ओएसडी) बनाया गया है। कल शाम नगर विकास की तरफ से कल्पना तिवारी का नियुक्ति पत्र नगर निगम को भेज दिया गया। नगर आयुक्त डॉ.इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि वह आज कल्पना तिवारी को नियुक्ति पत्र देने पहुंचे थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्पना तिवारी को नगर निगम में नौकरी देने की घोषणा की थी। नगर निगम, लखनऊ ने रिक्त पद प्रधान लिपिक या जनसंपर्क अधिकारी का प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन ने ओएसडी पद का सृजन करते हुए उनकी तैनाती कर दी। आदित्यनाथ सरकार ने विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी को नगर निगम में ओएसडी का पद देने की घोषणा की है। लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में जांच जारी है। उधर दूसरी तरफ विवेक तिवारी को पत्नी को आज नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा गया।
एपल के अधिकारी रहे विवेक तिवारी का तेरहवीं संस्कार का आयोजन आज होगा। आज न्यू हैदराबाद के शिवगंगा अपार्टमेंट में सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए जाएंगे। इसमें डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी शामिल होंगे। उनके एक बजे इस आयोजन में शामिल होने की संभावना है। विवेक की तेरहवीं में परिवारीजन, उनके रिश्तेदार, परिचित और ऑफिस के साथी हवन पूजन के बाद विवेक तिवारी को श्रद्धांजलि देंगे। इस कार्यक्रम को देखते हुए एलआइयू की टीम को अधिकारियों ने अलर्ट कर दिया है।
लखनऊ में विवेक तिवारी की 28 सितंबर को गोली मारकर हत्या की गई थी। उनकी हत्या के मामले में सिपाही प्रशांत चौधरी व संदीप कुमार को 29 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
पिछले दिनों सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर कल दायर की गई जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि याची का इस मामले से कोई वास्ता नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है। विवेक तिवारी की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर शमशेर यादव जगराना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि एसआईटी जांच में भी यूपी पुलिस के ही सदस्य शामिल हैं, ऐसे में जांच को प्रभावित किया जा सकता है।
इस कारण मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। इस पर अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया। उन्होंने तर्क रखा कि सरकार ने मामले में त्वरित कार्रवाई की है। मामले की निष्पक्ष जांच चल रही है, इसलिए इसकी सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस विवेक चौधरी ने कहा कि मृतक की पत्नी कल्पना तिवारी शिक्षित हैं। वह स्वयं अपना पक्ष रख सकती हैं। याची का इस मामले से कोई वास्ता नहीं बनता है। याचिका खारिज की जाती है।
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