भारतीय टीम का न्यूजीलैंड दौरे पर शर्मनाक प्रदर्शन का दौर जारी है। वनडे सीरीज में करारी हार के बाद टीम इंडिया को टेस्ट सीरीज के पहले ही मैच में दस विकेटों से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। भारतीय टीम ने मात्र साढ़े तीन दिन में ही मेजबान के सामने घुटने टेक दिए।

टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक टीम इंडिया दोनों पारियों में एक बार भी 200 रन का आंकड़ा भी नहीं छू पाई। कुछ दिन पहले कोच रवि शास्त्री जिस टॉस को हार-जीत के गणित से दूर रखने की बात कर रहे थे, विराट कोहली ने वेलिंग्टन टेस्ट में हार के बाद उसी को जिम्मेदार ठहराते दिखे।

टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक टीम इंडिया दोनों पारियों में एक बार भी 200 रन का आंकड़ा भी नहीं छू पाई। कुछ दिन पहले कोच रवि शास्त्री जिस टॉस को हार-जीत के गणित से दूर रखने की बात कर रहे थे, विराट कोहली ने वेलिंग्टन टेस्ट में हार के बाद उसी को जिम्मेदार ठहराते दिखे।
विराट ने मैच की समाप्ति के बाद कहा, ‘पहले दिन टॉस ही था जो महत्वपूर्ण साबित हुआ, लेकिन साथ ही जिस मजबूत बल्लेबाजी इकाई के लिए हम पहचाने जाते हैं, यहां हम वैसे नहीं दिखे’। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हम पहली पारी में उनके गेंदबाजों पर पर्याप्त दबाव बना पाए।’
कोहली ने कहा कि अगर हम पहली पारी में 220-230 का लक्ष्य बनाते तो बेहतर रहता, साथ ही दूसरी पारी का अंतर भी कम होता है। कप्तान ने कहा कि एक गेंदबाजी यूनिट के रूप में हमने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन विकेट बाद में बल्लेबाजी के लिए बेहतर हो गई। न्यूजीलैंड के आखिरी तीन बल्लेबाजों ने 120 रन जोड़े और इसी ने हमें मैच से बाहर कर दिया।
विराट ने बल्लेबाजों को अधिक जिम्मेदारी से खेलने के लिए कहा जिससे गेंदबाज ज्यादा आक्रामक हो सकें, उन्होंने कहा कि हमें अपने पुराने प्लान पर ही टिके रहना है।
दोनों पारियों में फेल होने वाले पृथ्वी शॉ का बचाव करते हुए विराट ने कहा कि वो विदेश में अपना पहला मैच खेल रहा था, उसपर इतना दबाव डालना ठीक नहीं है, आक्रामक खेलना उसका स्वभाव है, बस उसे रन बनाने के बारे में सोचना होगा। वहीं विराट ने मयंक अग्रवाल और अजिंक्य रहाणे की तारीफ की।