सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु हमेशा ही विवादों के घेरे में रही है. लोगों को भी समझ नहीं आया कि आखिरकार बोस कहां गायब हो गए. आज नेताजी का 121वां जन्मदिन है. उनका जन्म 23 जनवरी 1897 में हुआ था. उनके जन्म के 121 साल बाद भी नेताजी की मौत भारत के इतिहास का सबसे बड़ा रहस्य है. उनकी रहस्यमयी मौत पर समय-समय पर कई तरह की अटकलें सामने आती रही.
जानें उनकी मौत से जुड़ी ये बात…
18 अगस्त 1945 को ताइपे में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु विमान दुर्घटना से हो गई थी. लेकिन क्या उनकी सच में मृत्यु हुई थी, ये गुत्थी सुलझ नहीं सकी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नेताजी के मौत के बात उस समय फिर उछली थी, जब पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन विजयालक्ष्मी पंडित ने मीडिया में एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि मेरे पास ऐसी खबर है कि हिंदुस्तान में तहलका मच जाएगा. शायद आजादी से भी बड़ी खबर. लेकिन नेहरू ने उनको मना कर दिया कुछ भी कहने से.
विजया की बात को इसलिए इस मुद्दे से जोड़कर देखा गया था क्योंकि वह उस समय रूस में बतौर इंडियन अंबेसडर नियुक्त थीं. कहा जाता है कि उन्होंने सुभाष चंद्र बोस को रूस में देखा भी था. विजया ने इसकी जानकारी तत्कालीन सरकार को दी गई थी, पर इस मामले में कुछ भी नहीं किया गया.
जानें क्यों है मौत पर विवाद
तथ्यों के मुताबिक 18 अगस्त, 1945 को नेताजी हवाई जहाज से मंचुरिया जा रहे थे और इसी हवाई सफर के बाद वो लापता हो गए. हालांकि, जापान की एक संस्था ने उसी साल 23 अगस्त को ये खबर जारी किया कि नेताजी का विमान ताइवान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके कारण उनकी मौत हो गई. लेकिन इसके कुछ दिन बाद खुद जापान सरकार ने इस बात की पुष्टि की थी कि 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में कोई विमान हादसा नहीं हुआ था. इसलिए आज भी नेताजी की मौत का रहस्य खुल नहीं पाया है. ये खबरें भी आती रहीं कि उन्हें रूस के सैनिकों ने गिरफ्तार कर लिया और वहीं की जेल में उन्होंने अंतिम सांस ली थी.