अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज रेलवे ने महिलाओं को खास सम्मान दिया, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। पहली बार वंदे भारत एक्सप्रेस को पूरी तरह से महिला चालक दल द्वारा संचालित किया गया।
महिला ड्राइवर ने चलाई वंदे भारत
दरअसल, महिला दिवस पर ये निर्णय लिया गया। यह ऐतिहासिक यात्रा साईनगर शिरडी वंदे भारत एक्सप्रेस में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से सुबह 6.20 बजे शुरू हुई।
ट्रेन में महिलाओं का पूरा क्रू
ट्रेन का संचालन एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव और सहायक लोको पायलट संगीता कुमारी ने किया। ट्रेन संचालन की देखरेख श्वेता घोने ने की। महिला ट्रैवलिंग टिकट परीक्षकों (टीटीई) की एक समर्पित टीम तैनात की गई।
इसमें मुख्य टिकट चेकर अनुष्का केपी और एमजे राजपूत के साथ-साथ सारिका ओझा, सुवर्णा पश्ते, कविता मराल और मनीषा राम शामिल थीं।
पूरी यात्रा महिलाओं ने संभाली
लोको पायलट और सहायक लोको पायलट से लेकर ट्रेन मैनेजर, टिकट परीक्षक और ऑन-बोर्ड कैटरिंग स्टाफ तक, यात्रा के हर पहलू को महिलाओं ने ही संभाला। यह पहल न केवल भारतीय रेलवे में महिलाओं की ताकत, समर्पण और नेतृत्व का जश्न मनाती है, बल्कि इस क्षेत्र में अधिक लैंगिक प्रतिनिधित्व के लिए एक शक्तिशाली मिसाल भी स्थापित करती है।
रेलवे ने कहा कि यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और अधिक समावेशी रोजगार के अवसर पैदा करने की भारतीय रेलवे की व्यापक प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आज
8 मार्च यानी आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस वैश्विक उत्सव पर उन महिलाओं को सम्मानित किया जाता है जो समुदायों को प्रेरित करती हैं, उन्हें सशक्त बनाती हैं और परिवर्तनकारी बदलाव की हिमायती हैं। यह दिन पहचान से परे है, जो नवाचार, नेतृत्व, सक्रियता और रचनात्मकता सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की अभूतपूर्व उपलब्धियों की सराहना और उन्हें बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
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