पॉल अलेक्जेंडर छह साल की उम्र में पोलियो से पीड़ित होने के बाद लोहे की संरचना के अंदर रहने को मजबूर होना पड़ा। पोलियो पॉल के नाम से जाने जाने वाले अलेक्जेंडर को इस बीमारी के कारण 1952 में गर्दन के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था जिससे वह खुद से सांस लेने में असमर्थ थे। वह 70 वर्षों से अधिक समय तक लोहे के फेफड़े के अंदर रहे।
70 साल तक लोहे के फेफड़े के अंदर जीवन बिताने वाले पॉल अलेक्जेंडर की 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी मृत्यु की घोषणा मंगलवार को उनके गो फंड मी पेज पर की गई।
खुद से सांस लेने में असमर्थ थे पॉल
अलेक्जेंडर छह साल की उम्र में पोलियो से पीड़ित होने के बाद लोहे की संरचना के अंदर रहने को मजबूर होना पड़ा। पोलियो पॉल के नाम से जाने जाने वाले अलेक्जेंडर को इस बीमारी के कारण 1952 में गर्दन के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था, जिससे वह खुद से सांस लेने में असमर्थ थे।
उन्हें टेक्सास के अस्पताल ले जाया गया और यांत्रिक फेफड़े के अंदर उन्हे होश आया। डॉक्टरों ने कहा कि ये जब तक जीवित रहेंगे, यांत्रिक फेफड़े के अंदर ही रहना पड़ेगा। वह 70 वर्षों से अधिक समय तक लोहे के फेफड़े के अंदर रहे।
पॉल एक रोल मॉडल थे: क्रिस्टोफर उल्मर
इस दौरान पॉल कालेज गए, वकील बने और एक प्रकाशित लेखक भी बने। उनकी कहानी दुनिया भर के लोगों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। उनके पेज को अपडेट करने वाले क्रिस्टोफर उल्मर ने लिखा कि पॉल एक अविश्वसनीय रोल मॉडल थे, जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
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