हाल ही में लोकसभा में बहस के दौरान सांसदों की मदद के लिए एक 24/7 हेल्पलाइन शुरू की गई है, लेकिन इस हेल्पलाइन पर सांसदों के कम आम लोगों के फोन कॉल्स अधिक आ रहे हैं। हेल्पलाइन पर फोन करने वालों में ज्यादातर लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नंबर जानना है, किसी को मिलना है, तो किसी को मोदी को सुझाव देना है। हेल्पलाइन में काम करने वाले लोगों ने ने बताया कि लोग उनसे बजट या लोकसभा में बहस से संबंधित मुद्दों के बारे में नहीं पूछ रहे हैं बल्कि वे प्रधानमंत्री का नंबर पूछ रहे हैं।
हेल्पलाइन प्रोजेक्ट में शामिल अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि लोकसभा टीवी चैनल पर नंबर के कई बार फ्लैश होने के बाद अब हेल्पलाइन पर लगातार कॉल आ रही हैं। ज्यादातर फोन कॉल ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। कुछ लोगों ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन नंबर पूछने के लिए हेल्पलाइन पर कॉल किया, तो वहीं एक शख्स ने फोन कर प्रधानमंत्री के साथ अप्वाइनमेंट की इच्छा जताई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से ये हेल्पलाइन बजट सत्र की पूर्व संध्या पर शुरू कराई गई है। इस हेल्पलाइन से सांसदों को डिबेट के लिए नोट्स और सामग्री मिल सकेगी। राउंड द क्लॉक सर्विस का देश और विदेश में कहीं से भी लाभ उठाया जा सकता है।
लोकसभा टीवी चैनल पर सांसदों के लिए शुरू किए गए नंबर के कई बार फ्लैश होने के बाद अब हेल्पलाइन पर लगातार कॉल आ रही हैं। लोकसभा टीवी चैनल ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में बहुत लोकप्रिय है। नागरिकों ने सबसे ज्यादा किसानों के प्रदर्शन और कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी ली। कई लोगों ने ये पूछा कि उनको कोरोना वैक्सीन कब मिल रही है।
इस हेल्पलाइन पर कुछ सांसदों के भी कॉल आए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि बजट सत्र में बहस अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन हमें पहले से ही 4-5 के सांसदों के कॉल आए हैं। कॉल में सांसदों ने नोट्स और सामग्री मांगी है। ज्यादातर सांसद इस हेल्पाइन सेवा का फायदा उठाएंगे।
हालांकि, कुछ सांसदों के सहायकों ने ये भी पता लगाने के लिए हेल्पलाइन पर कॉल किया बजट सत्र के दौरान सांसदों के लिए कौन सी सीट आवंटित की गई है। कोरोना के चलते इस बार सांसदों को विशिष्ट सीट नंबर दिए गए हैं। इस हेल्पाइन को संसदीय अनुसंधान और सूचना सहायता (PRISM) नाम दिया गया है।