भारतीय रेलवे ने गुरुवार को उन सभी मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के खत्म होने के बाद 15 अप्रैल से ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
एक बयान में रेलवे ने कहा कि रेलवे मंत्रालय ने अभी तक न तो लॉकटाउन के बात ट्रेन चलाने और ना ही यात्रियों के लिए कोई प्रोटोकॉल जारी नहीं किया है, जैसा कि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसे समय में यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने के मानदंडों के बारे में अटकलें लगाना समय से पहले की बात है।
बयान में कहा गया है कि रेलवे यात्रियों सहित सभी स्टेक होल्डर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए जो सबके लिए बेहतर होगा वहीं निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित लोगों से अनुरोध है कि वे मीडिया के कुछ हिस्सों द्वारा दिखाई जा रही अफवाहों या भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें। रेलवे ने कहा कि जब इश संबंध में कोई फैसला लिया जाएगा तो सभी संबंधितों को इसके बारे में सूचित किया जाएगा।
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दरअसल भारतीय रेलवे की टिप्पणी कुछ समाचार रिपोर्टों में लॉकडाउन के बाद ट्रेन सेवाओं के शुरू होने के दावे के बाद आई है। इनमें कहा गया कि भारतीय रेलवे ने 14 अप्रैल के बाद ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने की योजना तैयार की है। रेलवे स्टेशन में प्रवेश से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी, ट्रेन चलने से 4 घंटे पहले यात्रियों को स्टेशन पर आना होगा।
बता दें कि भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस के प्रसार से निपटने के लिए 24 मार्च से 14 अप्रैल तक यात्री, मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया है। देश भर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से माल और विशेष पार्सल ट्रेनें चालू हैं। रेलवे ने सभी आवश्यक वस्तुओं के शीघ्र वितरण के लिए विशेष पार्सल ट्रेनों के लिए समय सारणी भी बनाई है।
बता दें कि कोरोना वायरस के चलते सरकार ने 14 अप्रैल तक के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया है। दरअसल कोरोना वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति से फैलता है। इसलिए जरुरी है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। फिलहाल सभी राज्यों ने अपनी सीमाओं को बंद कर लिया है। इसके मद्देनजर रेलवे ने भी अपनी ट्रेन सेवाओं को 14 अप्रैल तक निलंबित कर दिया था।