कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन है, लेकिन इस दौरान शहरवासियों को ज्यादा कीमत चुकाकर सामान खरीदना पड़ रहा है। सुपर बाजार व फुटकर किराना व्यापारी महंगा सामान बेच रहे हैं।
शहरवासियों को आटा, दाल, चावल, तेल, शक्कर, चायपत्ती सहित अन्य खाद्य सामग्री 10 से 15 प्रतिशत महंगी मिल रही हैं। दो दर्जन से ज्यादा शहर के छोटे-बड़े सुपर बाजारों ने ऑफर बंद कर दिए हैं।
पैकिंग वाली खाद्य सामग्रियों को एमआरपी पर ही बेचा जा रहा है। वहीं, लूज खाद्य सामग्री भी महंगी हो गई है। लॉकडाउन का बहाना बनाकर सुपर बाजार व फुटकर किराना विक्रेता 90 रुपये प्रतिकिलो मिलने वाली तुअर दाल को 125 तक बेच रहे हैं। इसी तरह सोयाबीन का एक लीटर तेल का पैकेट 90 रुपये तक मिलना चाहिए, जो पैकिंग में 130 रुपये प्रतिलीटर तक बिक रहा है।
नवदुनिया ने सोमवार को शहर के अलग-अलग सुपर बाजारों में जाकर पड़ताल की तो पता चला कि आटा, दाल, चावल, तेल शक्कर, पोहा, मूंगफली, चायपत्ती, छोला चना, लाल मिर्च व धनिया पाउडर समेत अन्य खाद्य सामग्री रेपर पर लिखी एमआरपी ही दी जा रही हैं। इससे पहले एमआरपी पर लिखे दामों से 5 से 15 रुपये तक कम में दी जाती थी।
– जुमेराती व हनुमानगंज की थोक किराना दुकानें अलग-अलग खाद्य सामग्रियों एक-एक दिन खुल रही हैं। इससे बार-बार भाड़ा देना पड़ रहा हैं, इसलिए सामान महंगा बेच रहे हैं।
– लॉकडाउन के कारण मिलों से पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री नहीं आ पा रही।
– अन्य राज्यों की सीमाएं सील होने से किराने की अन्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पा रही है।
– लॉकडाउन में बड़ी मुश्किल से कोरोना के भय से थोक की दुकानों से सामान ला पा रहे हैं, वहां भी महंगा मिल रहा है।
– कंपनियों में कम कर्मचारी काम कर रहे हैं, इसलिए उत्पादन ज्यादा नहीं हो पा रहा। इससे किराने की सामग्री की कमी है।