कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन और घर में रहने के खिलाफ अमेरिका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, मिशिगन, मिन्नेसोटा, केंटुकी, उटाह, नॉर्थ कैरोलीना, ओहियो ऐसे राज्य हैं जहां लोगों ने विरोध दर्ज कराया है. विरोध करने वाले कुछ राज्यों में रिपब्लिकन गवर्नर हैं तो कुछ में डेमोक्रेटिक पार्टी के. प्रदर्शनकारी लॉकडाउन की वजह से इकोनॉमी पर पड़ने वाले बुरे असर के मुद्दे को उठा रहे हैं.
असल में अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से काफी लोग बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे लोगों को रेंट देने और महीने के खर्च चलाने में भी दिक्कतें आ रही हैं. वहीं, ट्रंप सरकार ने अमेरिकी लोगों को 1200 डॉलर की आर्थिक सहायता देने का ऐलान भी किया है.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी बाजार बंद करने और लॉकडाउन के खिलाफ रहे हैं. वहीं, शुक्रवार को ट्रंप ने कई ट्वीट करके राज्यों में चल रहे लॉकडाउन विरोधी प्रदर्शन को अपना समर्थन दे दिया. ट्रंप ने! जैसे शब्दों का प्रयोग किया. वहीं, मिशिगन की राजधानी सैन्सिंग में लॉकडाउन का विरोध कर रहे कुछ प्रदर्शकारी अपने साथ राइफल लेकर पहुंच गए. लैन्सिंग में शुरुआत में तो प्रदर्शनकारी कारों में ही बैठे रहे और ट्रैफिक जाम कर दिया. बाद में कारों से बाहर आकर भी प्रदर्शन किए.
एक प्रदर्शनकारी टॉम हुघी ने कहा- ‘मैं समझता हूं कि वायरस कितना अहम है, लेकिन हमलोग काफी कुछ बंद कर रहे हैं.’ वहीं, मिशिगन के नर्स एसोसिएशन ने प्रदर्शन को गैरजिम्मेदार हरकत बताया. मिन्नेसोटा में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे खराब वित्तीय स्थिति और डिप्रेशन सहित अन्य मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें ऐसा लगता है कि हम कोरोना से लड़ते हुए काम पर भी जा सकते हैं.
वहीं, उटाह में प्रदर्शनकारी ने गवर्नर की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को असंवैधानिक बताया. एक स्थानीय रिपब्लिकन नेता ने कहा कि अमेरिकियों को वायरस से बचाने के नाम पर सरकार अपने अधिकार क्षेत्र से काफी आगे निकल गई है.
बता दें कि अमेरिका कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित है. यहां 7 लाख 10 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, 37 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.