ब्रिटेन में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए देश में एक बार फिर से लॉकडाउन लागू किया जा सकता है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अगले हफ्ते से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू कर सकते हैं। जॉनसन के वैज्ञानिक सलाहकारों ने कहा है कि देश को वायरस के दंश से बचाने के लिए यही एकमात्र तरीका है।
‘सैज समिति’ के वैज्ञानिकों ने कल ‘नंबर 10’ नाम से एक आंकड़ा पेश किया, जिससे पता चलता है कि कोविड-19 उनके द्वारा की गई ‘सबसे खराब स्थिति’ की भविष्यवाणी से भी तेज रफ्तार से फैल रहा है। हाल के दिनों में ब्रिटेन में वायरस के फैलने की रफ्तार में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
कैबिनेट के सूत्रों ने बताया है कि लॉकडाउन का एलान अगले हफ्ते हो सकता है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि नया लॉकडाउन किस रूप में होगा या इसे कब तक लागू करके रखा जाएगा।
हालांकि, एक अन्य सूत्र ने दावा किया है कि आवश्यक चीजों की बिक्री करने वाली दुकानों को छोड़कर सभी दुकानों के बंद रहने की संभावना है। इसके अलावा, नर्सरी, स्कूल और विश्वविद्यालयों को बंद किया जा सकता है।
बताया गया है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और नए प्रतिबंधों को बुधवार को लागू किया जा सकता है। सरकार के सामने आने वाला सप्ताह चुनौतीपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि उसे लॉकडाउन से पहले यह निर्णय लेना है कि नए प्रतिबंध किस तरह के होंगे।
प्रधानमंत्री जॉनसन और वित्त मंत्री ऋषि सुनक को इस बात का डर सता रहा है कि अगर लॉकडाउन को फिर से लागू किया जाता है तो वह देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह बर्बाद कर सकता है। गौरतलब है कि कोरोना के चलते पहले ही ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है।
स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक और वरिष्ठ मंत्री माइकल गोवे द्वारा समर्थित वैज्ञानिकों ने कहा है कि वायरस से इस सर्दियों में 85,000 लोगों की मौत हो सकती है और तब तक तथाकथित ‘सर्किट ब्रेक’ के लिए बहुत देर हो चुकी होगी।
उनका कहना है कि लॉकडाउन को लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि यह एकमात्र तरीका है, जिसके जरिए अस्पतालों में बेड की कमी होने को रोका जा सकता है।