सरकार द्वारा निर्धारित उचित मूल्य दुकानों से सब्सिडी के तहत मिलने वाला राशन बड़ी संख्या में अपात्र लोगों तक पहुंच रहा था। हाल ही में सरकार ने इसका खुलासा किया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि सरकार ने 3 करोड़ से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड Rashan Card को रद्द कर दिया है।
राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और आधार सीडिंग के दौरान 3 करोड़ राशनकार्ड के फर्जी होने की जानकारी सामने आई। इसके बाद सरकार ने इन सभी राशनकार्डों को रद्द करने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि सरकार ने लॉकडाउन अवधि के चलते गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल से जून तक तीन महीने के लिए हर राशनकार्ड धारक को मुफ्त एक किलो दाल वितरण का फैसला भी लिया था।
सरकार की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि आधार कार्ड और राशन कार्ड की लिंकिंग बेहद आवश्यक है। इसलिए ये सभी कार्ड रद्द किए गए हैं। इसके अलावा फर्जी कार्ड बनाकर भी सरकार की इस स्कीम से मुफ्त अनाज और अन्य सामग्री ली जा रही थी। इस वजह से सरकार ने सभी फर्जी राशनकार्ड को रद्द कर दिया है।
देश में इस वक्त लगभग 80 करोड़ लोगों के पास राशनकार्ड हैं। राशनकार्ड मजदूरों, दैनिक मजदूरों, कामगारों, ब्लू कॉलर श्रमिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
ऐसे में किसी अन्य जरुरतमंद का अनाज फर्जी राशनकार्ड के जरिये किसी अन्य के द्वारा लिया जा रहा था। मुख्य तौर पर सरकार ने उन सभी राशनकार्डों को रद्द किया है जिनकी आधार से सीडिंग नहीं हो रही थी। इसे देखते हुए सरकार ने राशनकार्ड रद्द करने का बड़ा कदम उठाया।
सरकार द्वारा 3 करोड़ राशन कार्ड आधार सीडिंग न होने से रद्द किए गए है। संभव है कि इसमें बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हों जो वास्तविक हों लेकिन उनका आधार कार्ड सीडिंग न हो पाई हो।
ऐसे लोग अब खाद्य आपूर्ति विभाग में जाएं और इसकी जानकारी लें। वहां अपना राशनकार्ड और आधार कार्ड दिखाएं। इसके बाद आधार नंबर को राशन कार्ड से लिंक किया जाएगा। इसके बाद नया राशन कार्ड बनेगा, पुराना कार्ड दोबारा जारी नहीं होगा।