रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके तुर्की समकक्ष रेसेप तईप एर्दोगन ने एक दूसरे से फोन पर लंबी वार्ता की। दोनों नेताओं ने सीरिया और लीबिया के मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान पुतिन और एर्दोगन ने सीरियाई समस्या के समाधान के लिए प्रयासों को और भी आगे बढ़ाने पर जोर दिया। दोनों नेताओं के बीच ने 1 जुलाई को आयोजित रूसी-तुर्की-ईरानी ऑनलाइन शिखर सम्मेलन पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने इस समझौते पर अपनी सहमति प्रगट की। उन्होंने कहा कि समझौते के आधार बनाकर वार्ता को आगे बढ़ाया जाएगा।
द्विपक्षीय एजेंडे पर विचारों का आदान-प्रदान
पुतिन और एर्दोगन ने द्विपक्षीय एजेंडे पर कुछ मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। रूसी और तुर्की के रक्षा मंत्रालयों के बीच बातचीत की सराहना की, जिसमें उत्तर-पश्चिमी सीरिया के इदलिब प्रांत और देश के उत्तर-पूर्व में स्थिति को स्थिर करने में मदद की। कोरोना महामारी के प्रसार में कमी के बीच दोनों नेताओं ने पर्यटन को फिर से शुरू करने की इच्छा जाहिर की। दोनों नेताओं ने कहा कि स्थितियों में सुधार हो रहा है। बयान में आगे कहा गया है कि विदेश नागरिकों समेत सभी के लिए ईसाई धर्मस्थलों तक पहुंच को सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ईसाई धर्मस्थलों को संरक्षित किया जाएगा।
शिखर सम्मेलन में सीरिया पर हुई चर्चा
शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अमेरिका द्वारा सीरिया पर लगाया गया प्रतिबंध अवैध है। इससे सीरिया की घरेलू स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है और उसकी अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है। पुतिन ने सभी पक्षों से इस बात पर विचार करने का आह्वान किया कि प्रतिबंध के तहत सीरिया को मानवीय सहायता कैसे दिया जाए।
पुतिन ने कहा कि हालांकि सीरिया के मुद्दे का समाधान पूरी तरह से नहीं किया गया, लेकिन रूस, तुर्की और अन्य देशों के प्रयासों में आशावादी परिणाम प्राप्त हुए हैं और राजनीतिक और राजनयिक माध्यम से सीरिया के मुद्दे के समाधान की स्थिति परिपक्व हो गई। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने सम्मेलन में कहा था कि पड़ोसी सीरिया की राजनीतिक अखंडता और प्रादेशिक संप्रभुता सुनिश्चित करना और संघर्ष के समाधान पर चर्चा करना प्राथमिक लक्ष्य हैं। तुर्की सीरिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करता रहेगा।