भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोमवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी की चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद से मुलाकात की आलोचना की। उन्होंने इस मुलाकात को एक उच्च संवैधानिक पद के आकांक्षी व्यक्ति की ओर से सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर एक चौंकाने वाला बर्ताव बताया। उन्होंने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की चुप्पी पर भी निशाना साधा और इसे पाखंड कहा। मालवीय ने कहा, ‘इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और संवैधानिक नैतिकता के स्वयंभू संरक्षकों की चुप्पी है। उनका पाखंड उजागर हो गया है।’
भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने हाल ही में चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद से मुलाकात की, जो संसद सदस्य भी नहीं हैं और उपराष्ट्रपति चुनाव में उनका कोई वोट नहीं है। यह न केवल एक भयावह दिखावा है, बल्कि एक उच्च संवैधानिक पद की आकांक्षा रखने वाले व्यक्ति की ओर से सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर एक चौंकाने वाला रुख है। उनका पाखंड उजागर हो गया है।’
रविशंकर प्रसाद ने कही यह बात
इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि भ्रष्टाचार में दोष सिद्ध एक आरोपी से मुलाकात कर देश के लोकतंत्र को बचाने की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है। सर्वोच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश को गंभीर आरोपों में लिप्त व्यक्ति से मुलाकात कर लोकतंत्र को बचाने की बात कहना किसी भी दृष्टि से सही नहीं है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी वर्तमान और पूर्व के सभी न्यायाधीशों का सम्मान करती है, क्योंकि इस देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने में न्यायपालिका की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है, लेकिन कुछ लोगों के बयान उनकी भूमिका को संदेह के घेरे में लाने वाली हैं।