‘लाड़की बहिन योजना’ चुनावी जुमला नहीं, स्थायी योजना है

महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री लाड़की बहिन योजना टिकाऊ नहीं है। इस पर एकनाथ शिंदे ने महिलाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि यह योजना स्थायी है। विपक्षी महाविकास अघाड़ी को उसकी हार दिख रही है। इसलिए वह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्षी दलों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के बजट में घोषित ‘लाड़की बहिन योजना’ चुनावी जुमाला नहीं, बल्कि एक स्थायी योजना है।

उन्होंने कहा कि जब तक एकनाथ शिंदे के शरीर में खून का एक भी कतरा रहेगा, यह योजना बंद नहीं होगी। विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री लाड़की बहिन योजना टिकाऊ नहीं है। यह विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है।

भ्रम फैलाने की कोशिश
एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को छत्रपति संभाजी महाराज नगर के सिल्लोड में महिलाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि यह योजना स्थायी है। विपक्षी महाविकास अघाड़ी को उसकी हार दिख रही है। इसलिए वह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि हमने एक साल से अधिक समय से मुख्यमंत्री लाड़की बहन योजना पर काम शुरू कर दिया था। इसके लिए हमने कई चीजों को ध्यान में रखा है। बजट में 45,000 करोड़ रुपयों का प्रविधान किया गया है। इसलिए यह योजना स्थायी है। चुनावी जुमला नहीं है।

शरद पवार और उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
सीएम शिंदे ने कहा कि मैं एक किसान का बेटा हूं। मैं एक मजदूर का बेटा हूं। मैं झूठ नहीं बोलूंगा। महायुति (राजग) सरकार की इस प्रमुख योजना के बारे में उन्होंने कहा कि बजट पेश करते समय उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने इस योजना के बारे में विस्तार से बात की है।

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और राकांपा (शपा) सुप्रीमो शरद पवार का नाम लिए बगैर शिंदे ने कहा कि पिछली सरकार विकास-विरोधी थी और फेसबुक लाइव पर चलती थी। लेकिन हम जमीन पर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले उनकी एक ही बहन थी। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद वह कहीं भी जाते हैं, तो उन्हें राखी बांधने के लिए तमाम बहनें आ जाती हैं। ऐसा भाग्यशाली भाई होने के लिए भाग्य की जरूरत होती है।

इसी प्रकार नासिक की एक सभा को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत पवार ने भी लोगों को आश्वस्त किया कि माझी लाड़की बहिन योजना की घोषणा उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति का आकलन करने के बाद की है। अगस्त माह में जिन-जिन महिलाओं का नाम इस योजना के लाभार्थियों में दर्ज होगा, रक्षा बंधन तक 3000 रुपये (जुलाई एवं अगस्त माह के) उनके खाते में पहुंच जाएंगे। इस राशि पर महिलाओं के पति या बेटे का कोई अधिकार नहीं होगा।

लाड़की बहिन योजना के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका
महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना के विरुद्ध एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता नवीद अब्दुल सईद मुल्ला ने अपनी याचिका में कहा है कि इस प्रकार की सरकारी योजनाओं के जरिये प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तरीके से करदाताओं एवं राजकोष पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया जाता है। कर ऐसी नकद योजनाओं के लिए नहीं, बल्कि विकास कार्यों के लिए दिया जाता है।

याचिका में कहा गया है कि यह सत्तारूढ़ दलों द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में एक निश्चित वर्ग के मतदाताओं को उम्मीदवारों के पक्ष में वोट करने के लिए रिश्वत या उपहार देने जैसा है। यह योजना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के विरुद्ध है। यह योजना पहले से ही कर्ज से दबे राज्य के ऊपर एक बड़ा बोझ है। इसलिए इसे रद कर देना चाहिए।

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