यूनियन बजट 2024 में कैपिटल गेन टैक्स के नियमों में बदलाव किया गया है। यह बदलाव कई वजह से किया गया है। नियमों में बदलाव के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। इन सवालों का जवाब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने खुद दिया है। सीबीडीटी ने एक FAQ के जरिेये सभी सवालों का जवाब दिया है।
23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने यूनियन बजट 2024-25 (Union Budget 2024-25) में कैपिटल गेम टैक्स के नियमों (New Capital Gains Tax Rules) में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव में अचल संपत्तियों के साथ कई परिसंपत्तियों की पूंजीगत लाभ कर दर और होल्डिंग अवधि में बदलाव था।
किसी भी संपत्ति या फिर एसेट से होने वाले लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) लगाया जाता है। कैपिटल गेन टैक्स के नए नियम को लेकर कई लोग कन्फ्यूज हैं। ऐसे में उनकी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक FAQ जारी किया। इस FAQ में कैपिटल गेन टैक्स के नए नियमों से जुड़े सभी जानकारी दी गई है।
कर पूंजीगत लाभ में क्या प्रमुख बदलाव हुए हैं?
कैपिटल गेन टैक्स को सरल बनाने के लिए नियमों में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया गया। सरकार ने इनके नियमों में 5 मानदंडो को ध्यान दिया है।
नए नियमों में होल्डिंग टेन्योर को सरल बनाया गया है। अब केवल दो होल्डिंग टेन्योर (1 वर्ष, 2 वर्ष) हैं।
कई एसेट के दरों को युक्तिसंगत बनाने और एकसमान बनाने के लिए बदलाव किया गया।
कैलकुलेशन के लिए दरों को 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है।
भारतीय निवासी और अनिवासी के बीच समानता लाने के लिए भी बदलाव किये गए।
रोल ओवर बेनिफिट (Roll Over Benefit) में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कब से लागू होंगे नए नियम?
कैपिटल गेन टैक्स के नए नियम 23 जुलाई 2024 से लागू हो गए हैं। इसका मतलब है कि 23 जुलाई 2024 के बाद से किसी भी ट्रांसफर के लिए नए नियम से कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
कैसे आसान होगा होल्डिंग टेन्योर?
बजट में होल्डिंग टेन्योर में भी बदलाव किया गया है। पहले होल्डिंग टेन्योर की 3 अवधि होती थी अब उसे आसान करने के लिए दो कर दिया गया है। लिस्टिड सिक्योरिटीज के लिए एक साल और अन-लिस्टिड सिक्योरिटीज के लिए दो साल कर दिया गया है।
इसका लाभ निवेशक को होगा, क्योंकि अब सूचीबद्ध इकाइयों जैसे बिजनेस ट्रस्टों के लिए 36 महीने के समय को कम करके 12 महीना कर दिया गया है। वहीं, गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों की होल्डिंग को 36 महीने से घटाकर 24 महीने कर दिया है। आपको बता दें कि अचल संपत्ति और गैर-सूचीबद्ध शेयरों की होल्डिंग अवधि में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह पहले की तरह 24 महीने यानी 2 साल ही है।
कैपिटल गेन टैक्स की दरों में क्या बदलाव हुए?
शॉर्ट-टर्म एसटीटी पेड लिस्टेड इक्विटी, इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड और बिजनेस ट्रस्ट की यूनिट्स की दरों में बदलाव किया गया है। इन्हें 15 फीसदी से 20 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। वहीं, लॉन्ग टर्म एसेट के टेन्योर के भी रेट स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया है। इसे 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) की दर में भी बदलाव किया गया है। इसे 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी किया गया है। यह फैसला कैपिटल गेन टैक्स के सिस्टम और कैलकुलेशन को आसान बनाने के लिए लिया गया।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की छूट सीमा में क्या बदलाव हुआ?
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG ) में भी बदलाव हुआ है। इसमें 1 लाख की छूट सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है। नई छूट सीमा को वित्त वर्ष 2024-25 या उसके बाद के वर्षों के लिए लागू किया गया है।
क्या निवेशक को रोल ओवर बेनिफिट का लाभ मिलेगा?
निवेशक को रोल ओवर बेनिफिट का लाभ मिलता रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। निवेशक को शर्तों को पूरा करके रोल ओलवर बेनिफिट का लाभ उठा सकते हैं।
रोल ओवर बेनिफिट का लाभ उठाने के लिए निवेशक को धारा 54, धारा 54F या धारा 54EC के तहत किसी बॉन्ड में निवेश करना होगा। रोल ओवर का बेनिफिट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 54, 54B, 54D, 54EC 54F, 54G के तहत ही मिलेंगे। आपको बता दें कि धारा 54EC में 50 लाख रुपये तक का रोल ओवर बेनिफिट मिलता है। बाकी धारा में निर्दिष्ट शर्तों के अधीन लाभ मिलता है।