लाख कोशिशों के बाद भी क्यों नहीं बुझ रही लॉस एंजेलिस की आग?

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-सैन डिएगो के जलविज्ञानी मिंग पैन ने बताया है कि दक्षिणी कैलिफोर्निया बेहद सूखा है और इस वजह से लॉस एंजेलिस के जंगलों में लगी आग ने विकराल रूप धारण किया।

अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के प्रमुख शहर लॉस एंजेलिस में लगी आग अभी तक काबू में नहीं आ सकी है और अब तक इस आग में हजारों एकड़ जमीन जलकर स्वाहा हो चुकी है। चिंता की बात है कि लाख कोशिशों और संसाधनों के बावजूद आग को काबू नहीं किया जा सका है। अब वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि लॉस एंजेलिस की आग इतनी क्यों फैली और क्या वजह रही कि इस पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-सैन डिएगो के जलविज्ञानी मिंग पैन ने बताया है कि दक्षिणी कैलिफोर्निया बेहद सूखा है और इस वजह से लॉस एंजेलिस के जंगलों में लगी आग ने विकराल रूप धारण किया।

वैज्ञानिकों ने सूखे को लेकर दी चेतावनी
वैज्ञानिकों ने बताया कि जनवरी की शुरुआत में, दक्षिणी कैलिफोर्निया के अधिकांश हिस्सों में मिट्टी की नमी का स्तर 2 प्रतिशत के ऐतिहासिक तौर पर कम है। कैलिफोर्निया ने अक्तूबर में बारिश का मौसम होता है, लेकिन इस बार बारिश बेहद कम हुई। इसके चलते राज्य के प्राकृतिक जल स्त्रोत सूख गए।

वैज्ञानिकों ने बताया कि हवा के गर्म और शुष्क होने पर वाष्पोत्सर्जन और वाष्पीकरण के चलते पौधों और मिट्टी से भी पानी सूख गया। इससे जंगल सूख गया और यही आग के तेजी से फैलने का कारण बना। अब आग के बाद हालात और बदतर हो जाएंगे। ऐसे में वैज्ञानिकों ने आने वाले दिनों को लेकर भी चेतावनी दी है और कहा है कि कैलिफोर्निया में सूखा पड़ने की आशंका है। हालांकि एक या दो अच्छी बारिश के बाद ही हालात बदल सकते हैं।

सांता एना हवाओं ने बढ़ाई आपदा
शक्तिशाली सांता एना हवाओं की भी लॉस एंजेलिस की आग भड़काने में अहम भूमिका रही। 10 जनवरी तक इस आग से कई स्कूलों सहित हजारों घर और अन्य संरचनाएं जल चुकी थीं और कम से कम 10 लोग मारे गए हैं। आग के चलते 180,000 से अधिक लोगों को विस्थापित होने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

सांता एना हवाएं शुष्क, शक्तिशाली हवाएं हैं जो पहाड़ों से दक्षिणी कैलिफोर्निया तट की ओर बहती हैं। कैलिफोर्निया में एक वर्ष में औसतन 10 बार सांता एना हवा की घटनाएं होती हैं, जो आमतौर पर पतझड़ से जनवरी तक होती हैं। जब हालात सूखे के होते हैं, जैसा कि अभी है, तो ये हवाएं गंभीर आग का खतरा बन जाती हैं। ये तेज शुष्क हवाएं अक्सर 30 से 40 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। लेकिन जनवरी 2025 की शुरुआत में हवाओं की गति 80 मील प्रति घंटे रही।

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