वायु सेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को बेंगलुरु में एचएएल द्वारा निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर यानी एलसीएच का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने करीब 45 मिनट तक एलसीएच में उड़ान भरी। इस दौरान एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर बहुत जल्द भारतीय रक्षा तंत्र का हिस्सा बनेगा। इसे सेना में शामिल करने की योजना काफी समय से पेंडिंग है, जिस पर तेजी से काम हो रहा है। बता दें कि लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर का निर्माण एचएएल ने डिजाइन और विकसित किया है।

जानकारी के मुताबिक, लद्दाख में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच भारत ने दो लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर सीमा पर तैनात कर रखे हैं। हालांकि, इन्हें अभी विधिवत तरीके से भारतीय वायुसेना में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन एयरस्पेस की सुरक्षा में दो एलसीएच तैनात हैं।
आपको बता दें कि लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर का निर्माण एचएएल ने किया है। इन हेलिकॉप्टर्स को इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को यह पूरा कर सके। कई सफल परीक्षण होने के बाद दो हेलिकॉप्टर लेह सेक्टर में तैनात कर दिए गए।
एचएएल के वैज्ञानिकों के मुताबिक, एलसीएच का वजन करीब 6 टन है। अपने बेहद कम वजन के चलते यह हेलिकॉप्टर ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में भी मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ टेक ऑफ व लैंडिंग कर सकता है। इसके अलावा लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर में 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड लगे हैं। खास बात यह है कि पायलट के हेलमेट पर ही कॉकपिट के सभी फीचर्स डिस्प्ले हो जाते हैं, जिससे पायलट को स्थिति भांपने में काफी आसानी होती है।
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