ठंड बढ़ने के साथ कोहरे ने भी पांव पसार दिए हैं। कोहरे का असर आखिरकार टेनों पर पड़ने लगा है। कारपोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन आइआरसीटीसी तेजस एक्सप्रेस पहली बार कोहरे का शिकार हो गई। शनिवार को पहली बार कानपुर से गाजियाबाद के बीच कोहरा गिरने के कारण तेजस एक्सप्रेस दो घंटे तक फंसी रही। इतना ही नहीं लंबी दूरी की टेनें भी कोहरे में घंटों लेट हुई। इन ट्रेनों का लखनऊ में इंतजार कर रहे यात्री उनकी स्थिति का पता लगाने के लिए परेशान रहे। इंटरनेट सेवाएं बंद होने से यात्रियों को लेट लतीफी की सही जानकारी नहीं मिल सकी। उधर गोमती एक्सप्रेस भी साढ़े चार घंटे की देरी से नई दिल्ली रवाना हो सकी।
शनिवार को लखनऊ जंक्शन से तेजस एक्सप्रेस अपने समय पर सुबह 6:10 बजे रवाना हुई थी। यह ट्रेन कानपुर पहुंचने तक 26 मिनट लेट हो गई। इटावा और अलीगढ़ के बीच कोहरा अधिक गिरने के कारण तेजस एक्सप्रेस भी प्रभावित हुई। ट्रेन गाजियाबाद पहुंचने तक 2:11 घंटे लेट हो गई। जबकि नई दिल्ली ट्रेन 2:08 घंटे लेट पहुंची। आइआरसीटीसी यात्रियों को नियमानुसार 200 रुपये इसकी लेट लतीफी के कारण वापस करेगा। नई दिल्ली से शुक्रवार को गोमती एक्सप्रेस देरी से आयी थी। जिस कारण यह ट्रेन शनिवार को भी 4:30 घंटे की देरी से नई दिल्ली रवाना हो पायी। यात्री चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म पर ट्रेन का इंतजार करते रहे। रेलवे के पूछताछ काउंटर पर ट्रेनों की सही स्थिति ट्रेन की सही जानकारी नहीं मिलने से यात्री परेशान रहे। उधर नई दिल्ली से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस करीब दो घंटे की देरी से आयी। लखनऊ जंक्शन से यह ट्रेन 40 मिनट की देरी से रवाना हो सकी।
10 घंटे देरी से आई गोरखधाम
लंबी दूरी की ट्रेनों के संचालन पर शनिवार को असर पड़ा। हिसार से आने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस 10:30 घंटे की देरी से आयी। जबकि दिल्ली से आने वाली कैफियात एक्सप्रेस आठ घंटे, फरक्का एक्सप्रेस 2:30 घंटे, कुशीनगर एक्सप्रेस 10 घंटे, नीलांचल एक्सप्रेस 1:20 घंटे, सरयू यमुना एक्सप्रेस 1:45 घंटे की देरी से पहुंची।