उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आलमबाग में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। यहां स्थित एक मकान के बेसमेंट में संचालित अवैध टेंट के गोदाम में करीब सुबह करीब नौ बजे भीषण आग लगी। हादसे से महिला किसी तरह बाहर निकल आई, जबकि दो बच्चे आग की लपटों के बीच फंस गए। धुंए और लपटों के बीच दोनों बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई। दमकल कर्मियों ने बेसमेंट की छत काटकर आग कर लपटों के बीच सीढ़ी से नीचे उतरे।
मामला आलमबाग के विराटनगर आजादनगर रिहायशी इलाके का है। यहां दो मंजिले मकान के प्रथम तल में सचिवालय कर्मी आशुतोष अपने परिवार के साथ रहते हैं। मकान का बेसमेंट क्षेत्र के ही निवासी चंद्र पाल सिंह को किराए पर दिया हुआ। जिसमें अवैध टेंट का गोदाम बना हुआ था। बताया जा रहा है कि गोदाम की देखरेख के लिए मजदूर सनी, पत्नी खुशबू, बेटे शांतनू (4) और ऋतिक (डेढ़) के साथ रहते हैं। शनिवार सुबह करीब नौ बजे बेसमेंट में अचानक आग लग गई। देखते-देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आस-पड़ोस के लोग जबतक दौड़े गोदाम में आग फैल चुकी थी। दोनों बच्चे आग के बीच फंस गए थे। भीषण धुंआ फैल चुका था। लोगों ने पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास किया, मगर सफलता नहीं मिली। इस बीच सीएफओ विजय कुमार सिंह, एफएसओ आलमबाग समेत कई अन्य फायर स्टेशनों के अफसर पहुंचे। दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया। दमकल कर्मी अंदर घुसे उन्होंने बच्चों को निकाला और सिविल अस्पताल भेजा। जहां डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
दो घंटे धुंए और आग में फंसे रहे बच्चे, छत काटकर सीढ़ी से रेस्क्यू करने पहुंचे दमकल कर्मी: अग्निकांड के दौरान बच्चे बेसमेंट में करीब दो घंटे तक फंसे रहे। दमकल कर्मियों ने गेट से जीने के रास्ते बेसमेंट में घुसने का प्रयास किया। लेकिन आग इतनी भयावह थी कि इस स्थिति में अंदर घुसना सम्भव नहीं था। इसके बाद घर के मुख्य गेट के पास दमकल कर्मियों ने फर्श (बेसमेंट की छत) काटी और तोड़ी। इसके बाद सीढ़ी लगाकर आग की लपटों के बीच ब्रीदिंग आपरेट्स सेट और ऑक्सीजन मास्क लगाकर अंदर दाखिल हुए। बच्चों को निकालकर बाहर लेकर आए। झुलसने और धुंए के कारण बच्चे अचेत हो गए थे।