नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध को लेकर राजधानी में हुई ङ्क्षहसा और उपद्रव के मामले में गुरुवार को पहला फैसला आएगा। फैसला अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती की कोर्ट सुनाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ङ्क्षहसा के दोषियों से वसूली करने के निर्देश दिए थे। 19 दिसंबर को हुई घटना में दो महीने के भीतर आ रहा फैसला पूरे प्रदेश के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
केंद्र सरकार से कानून पास होने के बाद 19 दिसंबर को शहर में विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए प्रदर्शन के दौरान जबर्दस्त ङ्क्षहसा और उपद्रव हुआ था। इसमें करीब पांच करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। चार थाना क्षेत्रों हजरतगंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज और हसनगंज में उपद्रवियों ने तोडफ़ोड़ कर करीब 35 वाहनों को आगे के हवाले कर दिया था। इनमें दोपहिया, आटो, कार और ओवी वैन के अलावा एक रोडवेज बस भी थी।
फूंक दी थी पुलिस चौकी
उपद्रवियों ने हसनगंज थाना क्षेत्र के मदेयगंज और ठाकुरगंज की सतखंडा चौकी को आग के हवाले कर दिया था। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने अपर जिलाधिकारी विश्वभूषण मिश्र के नेतृत्व में टीमें बनाकर हुए नुकसान का मूल्यांकन कराया था। प्रशासन ने ही करीब पांच करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान होने का आकलन किया था। 13 फरवरी को इस बाबत एडीएम ट्रांसगोमती विश्वभूषण मिश्र की कोर्ट में आदेश जारी होने की उम्मीद है। जिस तरह तीन दिन पहले हाईकोर्ट ने रिकवरी के खिलाफ याचिका खारिज की थी उसे देखते हुए माना जा रहा है कि प्रशासन उपद्रवियों से वसूली कर नुकसान की भरपाई करेगा।
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