लोहिया संस्थान में इस वक्त मरीजों को पूरी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। जिसकी वजह से उन्हें इधर उधर भटकना पड़ रहा है। गुरुवार को ऐसे कई मरीज आधी अधूरी दवाएं पाने के बाद पर्चा लेकर भटकते दिखाई दिए। सीतापुर निवासी राजेश अवस्थी ने बताया कि उन्हें सीने में दर्द व घबराहट की समस्या थी। डॉक्टर ने दवाएं लिख दी, लेकिन पर्चा लेकर जब वह काउंटर पर गए तो फार्मासिस्ट ने कहा इनमें से कोई भी दवा नहीं है। उन्होंने बताया कि सारी दवा बाहर से खरीदनी पड़ेगी। इसी तरह सीतापुर के ही राशिद अली सर्वाइकल पेन की वजह से परेशान थे। उन्हें कुछ दवाएं तो मिल गईं, लेकिन एक दवा नहीं मिल सकी। उन्हें भी फार्मासिस्ट ने बताया कि दवा बाहर से लेनी पड़ेगी। इसी तरह से अन्य मरीजों को भी पूरी दवाएं नहीं मिल पा रही थी। जिसकी वजह से उन्हें भटकना पड़ रहा था।
जांच केंद्र के पास तार तार शारीरिक दूरी
लोहिया संस्थान में गेट से लगे कोविड-19 जांच केंद्र के पास गुरुवार को शारीरिक दूरी के नियम तार- तार होते दिखे। अस्पताल पहुंचने वाले मरीज भीड़ इकट्ठा करके खड़े हो गए थे। वहां पर खड़े गार्ड मरीजों से शारीरिक दूरी पालन करवाने की कोशिश भी नहीं कर रहे थे। इससे कोरोना का संक्रमण और भी अधिक फैलने की आशंका हो सकती है। वहीं फीमेल वार्ड में बेड फुल हो गए हैं। मरीजों ने बताया कि कोई भी सीनियर डॉक्टर राउंड लगाने के लिए नहीं आता।
‘अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं है। शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए भी समय-समय पर अनाउंस किया जाता रहता है। गार्ड भी लगाए गए हैं। अगर कहीं पर इसका पालन नहीं हुआ है तो और अधिक सख्ती बरती जाएगी।’ डॉक्टर श्रीकेश सिंह, अपर चिकित्सा अधीक्षक लोहिया संस्थान।