13 वर्षीय प्रियांशु को बालपन से पेट में ट्यूमर बन गया था। धीरे धीरे ट्यूमर इतना बड़ गया कि रोज़ाना की गतिविधियों में परेशानी आने लगी और चलने में भी दिक्कत आने लगीं। कल्याण सिंह कैंसर इंस्टीट्यूट के डाक्टरों ने जटिल आपरेशन कर बच्ची को ट्यूमर से निजात दिलवाया।
एसजीपीजीआइ के डाक्टरों ने किया सफल आपरेशन
ट्यूमर 13 किलो का था और कई आर्गन जैसे की डायाफ्राम, बड़ी आंत, छोटी आंत, गुर्दे और बड़ी खून की नसों से चिपका हुआ था। कल्याण सिंह कैंसर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर आर के धीमन ने बताया कि बच्चों में रेट्रो पेरिटोनियल ट्यूमर कम होते है और अगर जल्दी इलाज कर दिया जाए तो सही भी हो जाते है। सर्जिकल आनकोलाजी के डाक्टर अंकुर वर्मा, डाक्टर दुर्गेश कुमार और डाक्टर अशोक कुमार सिंह ने आपरेशन किया।
सबसे बड़ी चुनौती ट्यूमर को फटने से बचाना
डा अंकुर ने बताया कि ट्यूमर का आकार और वजन बढ़ने के कारण मरीज के आपरेशन के दौरान कई चुनौतियां थी। इसमें सबसे बड़ी चुनौती ट्यूमर को फटने से बचाना था। टीम में एनिस्थियोलाजिस्ट विभाग के प्रमुख डा असीम रशीद, डा इंदुबाला, डा रूचि और डा हिमांशु की वजह से यह आपरेशन सफल हो सका। संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो अनुपम वर्मा ने कहा कैंसर की जटिलता के कारण टीम वर्क आवश्यक है।