रोहतक में मारपीट की शिकार पीजीआईएमएस की मेडिकल छात्रा का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें छात्रा ने कहा है कि आरोपी डॉक्टर पर किए गए केस को वापस नहीं लेगी, बल्कि अब उसे न्याय चाहिए। यह किस कानून में लिखा है कि कोई व्यक्ति किसी के साथ मारपीट या उत्पीड़न कर सकता है।
12 घंटे तक उससे मारपीट करते हुए प्रताड़ित करने वाला डॉक्टर अगर उस रात मुझे मार देता तो लोग मेरे लिए भी कैंडल मार्च निकालते हुए प्रदर्शन करने निकल पड़ते। छात्रा ने यह जवाब उन लोगों को दिए है जो उसे सोशल मीडिया पर ट्रोल कर रहे हैं।
दरअसल, छात्रा का दूसरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें छात्रा ने कहा कि शुरू के कुछ दिन में डॉक्टर और वह नजदीक आए थे। मगर जब उन्हें पता चला कि उसकी पहले से ही एक युवती से दोस्ती है और उसे वह छोड़ना नहीं चाहता है। इसके बाद उसने अपना कदम पीछे खींचना शुरू किया तो डॉक्टर ने उसका पढ़ना और रहना दूभर कर दिया था। छात्रा ने आरोप लगाया कि डॉक्टर उसका मोबाइल तो कभी पुस्तक और कभी अन्य प्रोजेक्ट आदि रख लेता था।
जिससे वह उससे मिल सके, जब-जब उसने ब्रेकअप करने के लिए कहा तो तब-तब डॉक्टर ने उसके साथ मारपीट की। छात्रा ने कहा कि डॉक्टर ने उसे 12 घंटे तक मारपीट करते हुए प्रताड़ित किया। पिछले सात माह से वह उसे प्रताड़ित कर रहा था। क्लास में किसी छात्र-छात्रा से बात नहीं करने देता था। यदि किसी छात्र-छात्रा से क्लास में बात करती तो उसे मारता।
किसी को बदनाम करोगे तो आप भी कार्रवाई की जा सकती है…
वहीं, छात्रा ने वीडियो में एक पुलिस अधिकारी की भी ऑडियो भी अपलोड कर रखी है। इसमें अधिकारी कह रहा है कि डॉ. मनिंदर के खिलाफ जो शिकायत थी उसके आधार पर कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन किसी की इज्जत को उछालना भी ठीक नहीं है। अगर आप भी इस तरह से वीडियो बनाकर किसी को बदनाम करोगे तो आप भी कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि अमर उजाला इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
डॉक्टर का लाइसेंस किया जाए रद : भाटिया
हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग और रोहतक पीजीआईएमएस को पत्र भेजकर छात्रा का अपहरण करने वाले आरोपी डॉक्टर का लाइसेंस निरस्त करने के लिए कहा है। साथ ही कहा कि लाइसेंस रद करने के बाद इसकी सूचना भी त्वरित दी जाए। इस संबंध में उन्होंने पुलिस अधीक्षक को भी निर्देश दिए हैं कि वह इस पूरी घटना की एक रिपोर्ट बनाकर एक सप्ताह के अंदर दें। वहीं पीजीआईएमएस निदेशक को इसकी कॉपी भेजी गई है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि कानून में किसी को भी अधिकार नहीं दिया कि वह किसी का उत्पीड़न करें या किसी के साथ मारपीट करें। यदि छात्रा की डॉक्टर से जान पहचान थी तो उसका यह मतलब नहीं है कि उसे उत्पीड़न का अधिकार मिल गया।
आरोपी डॉक्टर को मिली जमानत
अपहरण कांड में गिरफ्तार आरोपी को पुलिस ने वीरवार को अदालत में पेश किया। जहां से उसे जमानत दे दी गई और वह अपने घर चला गया। गौरतलब है कि छात्रा के अपहरण करने के मामले में डॉक्टर को गिरफ्तार कर तीन दिन का रिमांड मांगा था। रिमांड खत्म होने के बाद अदालत में आरोपी की पेशी हुई। यहां से उसे जमानत मिल गई।