कैंसर के मरीजों के लिए पहले बीमारी से जूझना और फिर कीमोथेरेपी से गुजरना काफी तकलीफदेह होता है। कैंसर मरीजों को इस तकलीफ से बचाने के लिए एक गोली ईजाद करने का दावा किया है। विशेषज्ञों का कहना कि यह गोली कैंसर को वापस लौटने से बचाएगी।  यह अध्ययन मॉन्टेफिओरे मेडिकल सेंटर न्यूयॉर्क में 10 हजार महिलाओं पर किया गया। यह बीते दो दशक की सबसे बड़ी खोज है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी इस खोज से स्तन कैंसर की शिकार महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा।  लक्षण दिखने से पहले ही पकड़ में आ जाएंगे 10 तरह के कैंसर इस लैंडमार्क स्टडी में कहा गया है कि स्तन कैंसर की शिकार महिलाओं को सर्जरी के बाद रोजाना सिर्फ एक गोली टैमोक्सिफेन लेनी होगी। यह गोली कैंसर को दोबारा लौटने से रोकने में मदद करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि एक साधारण से जेनेटिक टेस्ट से ऐसी महिलाओं को आसानी से चिह्नित किया जा सकता है।  अभी स्तन कैंसर की शिकार महिलाओं को मास्टेक्टोमी या लंपेक्टोमी के बाद छह महीने की तकलीफदेह कीमोथेरेपी करानी होती है। कीमो का काम यह सुनिश्चित करना होता है कि कैंसर उनके शरीर में दोबारा न लौटे। मगर इस प्रक्रिया के साइड इफेक्ट भी होते हैं। इस अध्ययन को दुनिया की सबसे बड़ी कैंसर कॉन्फ्रेंस में पेश किया जा चुका है। प्रमुख शोधकर्ता और लंदन के रॉयल मार्सडेन हॉस्पिटल में कंसलटेंट मेडिकल ऑनकोलॉजिस्ट डॉ. एलिस्टेयर रिंग ने कहा कि इस दवा के इस्तेमाल से कैंसर के मरीजों में कीमोथेरेपी करने की दर में गिरावट आएगी।

रोजाना एक गोली कैंसर के मरीजों को कीमोथेरेपी से बचाएगी

कैंसर के मरीजों के लिए पहले बीमारी से जूझना और फिर कीमोथेरेपी से गुजरना काफी तकलीफदेह होता है। कैंसर मरीजों को इस तकलीफ से बचाने के लिए एक गोली ईजाद करने का दावा किया है। विशेषज्ञों का कहना कि यह गोली कैंसर को वापस लौटने से बचाएगी। कैंसर के मरीजों के लिए पहले बीमारी से जूझना और फिर कीमोथेरेपी से गुजरना काफी तकलीफदेह होता है। कैंसर मरीजों को इस तकलीफ से बचाने के लिए एक गोली ईजाद करने का दावा किया है। विशेषज्ञों का कहना कि यह गोली कैंसर को वापस लौटने से बचाएगी।   यह अध्ययन मॉन्टेफिओरे मेडिकल सेंटर न्यूयॉर्क में 10 हजार महिलाओं पर किया गया। यह बीते दो दशक की सबसे बड़ी खोज है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी इस खोज से स्तन कैंसर की शिकार महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा।   लक्षण दिखने से पहले ही पकड़ में आ जाएंगे 10 तरह के कैंसर  इस लैंडमार्क स्टडी में कहा गया है कि स्तन कैंसर की शिकार महिलाओं को सर्जरी के बाद रोजाना सिर्फ एक गोली टैमोक्सिफेन लेनी होगी। यह गोली कैंसर को दोबारा लौटने से रोकने में मदद करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि एक साधारण से जेनेटिक टेस्ट से ऐसी महिलाओं को आसानी से चिह्नित किया जा सकता है।   अभी स्तन कैंसर की शिकार महिलाओं को मास्टेक्टोमी या लंपेक्टोमी के बाद छह महीने की तकलीफदेह कीमोथेरेपी करानी होती है। कीमो का काम यह सुनिश्चित करना होता है कि कैंसर उनके शरीर में दोबारा न लौटे। मगर इस प्रक्रिया के साइड इफेक्ट भी होते हैं।  इस अध्ययन को दुनिया की सबसे बड़ी कैंसर कॉन्फ्रेंस में पेश किया जा चुका है। प्रमुख शोधकर्ता और लंदन के रॉयल मार्सडेन हॉस्पिटल में कंसलटेंट मेडिकल ऑनकोलॉजिस्ट डॉ. एलिस्टेयर रिंग ने कहा कि इस दवा के इस्तेमाल से कैंसर के मरीजों में कीमोथेरेपी करने की दर में गिरावट आएगी।

यह अध्ययन मॉन्टेफिओरे मेडिकल सेंटर न्यूयॉर्क में 10 हजार महिलाओं पर किया गया। यह बीते दो दशक की सबसे बड़ी खोज है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी इस खोज से स्तन कैंसर की शिकार महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा। 

लक्षण दिखने से पहले ही पकड़ में आ जाएंगे 10 तरह के कैंसर

इस लैंडमार्क स्टडी में कहा गया है कि स्तन कैंसर की शिकार महिलाओं को सर्जरी के बाद रोजाना सिर्फ एक गोली टैमोक्सिफेन लेनी होगी। यह गोली कैंसर को दोबारा लौटने से रोकने में मदद करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि एक साधारण से जेनेटिक टेस्ट से ऐसी महिलाओं को आसानी से चिह्नित किया जा सकता है। 

अभी स्तन कैंसर की शिकार महिलाओं को मास्टेक्टोमी या लंपेक्टोमी के बाद छह महीने की तकलीफदेह कीमोथेरेपी करानी होती है। कीमो का काम यह सुनिश्चित करना होता है कि कैंसर उनके शरीर में दोबारा न लौटे। मगर इस प्रक्रिया के साइड इफेक्ट भी होते हैं।

इस अध्ययन को दुनिया की सबसे बड़ी कैंसर कॉन्फ्रेंस में पेश किया जा चुका है। प्रमुख शोधकर्ता और लंदन के रॉयल मार्सडेन हॉस्पिटल में कंसलटेंट मेडिकल ऑनकोलॉजिस्ट डॉ. एलिस्टेयर रिंग ने कहा कि इस दवा के इस्तेमाल से कैंसर के मरीजों में कीमोथेरेपी करने की दर में गिरावट आएगी।

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