एक कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिखाई दे जाते हैं. ये कहावत छत्तीसगढ़ के लिवजोत पर एकदम सटीक बैठती है क्योंकि 11 वर्ष 4 महीने की उम्र में लिवजोत छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में 10वींं कक्षा की परीक्षा देंगे.

लिवजोत वैसे तो 5वीं कक्षा में दुर्ग के माइल स्टोन स्कूल में पढ़ता है लेकिन अपनी IQ के बलबूते पर 10 वीं की परीक्षा देगा. लिवजोत के पिता गुरविंदर ने 15 अक्टूबर 2020 को माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष और सचिव के पास अर्जी लगाई थी कि उनके बेटे का IQ,16 साल के बच्चे जितना है. इसलिए उसे 10वींं परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए.
छत्तीसगढ़ माशिमं में यह प्रावधान है कि किसी छात्र के IQ की जांच के बाद उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी जाती है. इसके लिए लिवजोत का शासकीय जिला अस्पताल दुर्ग में IQ टेस्ट करवाया और रिपोर्ट माशिमं के समक्ष रखी गयी तो लिवजोत को 2020-21 की 10वीं की परीक्षा देने की अनुमति मिल गयी.
लिवजोत का कहना है कि उसने 10वीं के सिलेबस की पढ़ाई करनी शुरू कर दी है. आगे चलकर वो वैज्ञानिक बनना चाहते है. इससे पहले मणिपुर में 12 वर्ष, बिहार में 9 वर्ष के बच्चे को 10 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने का अवसर मिल चुका है.
माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रोफेसर वीके गोयल ने कहा कि कक्षा 5 वीं के छात्र लिवजोत सिंह के आवेदन पर उनका IQ जांचा गया. इसके बाद परीक्षा फल समिति की सहमति के आधार पर 10वीं की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी.
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