इस मुद्रा को करने से शरीर का कांपना भी हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है और चेहरे की कांति बढ़ जाती है। आइए जानते हैं क्या है इस मुद्रा को करने का सही तरीका। इस मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों हाथों के अंगूठों को शेष उंगलियों के बीच दबाकर मुट्ठी बना लें। बैठकर या लेटकर उसे नाभि के नीचे पेट पर हल्के से रखें। मुट्ठियों की उंगलियां आमने-सामने सीधी हों। दोनों मुट्ठियों के बीच दो इंच का अंतर रहे। धीमी, लंबी व गहरी सांस के साथ प्रतिदिन आधा घंटा करें। दिन में दो-तीन बार करने से लाभ जल्दी होगा।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है शक्ति मुद्रा
मौसम में हो रहे बदलावों के दौरान अक्सर सर्दी-जुकाम की समस्या हो जाती है। अस्थमा के रोगियों को खासतौर से परेशानी होती है। यह कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के कारण होता है। शक्ति मुद्रा हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। इससे नाड़ियां ठीक से काम करती हैं और शरीर ऊर्जावान बनता है।
यह मुद्रा शारीरिक श्रम करने वालों, तनाव ग्रस्त लोगों, अनिद्रा, स्लिप डिस्क और पीठ दर्द में खासतौर से उपयोगी है। इस मुद्रा को करने से शरीर की कमजोरी हटाई जा सकती है। खिलाड़ियों के लिए शक्तिमुद्रा बहुत ही लाभ करती है।