
उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता हरक सिंह रावत का कहना है कि उनकी सियासी और सामाजिक प्रतिष्ठा गिराने वालों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। आरोप लगाने वाली महिला ने अदालत में जिन लोगों के नाम लिए हैं उनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए। संबंधित महिला को लेकर हरक सिंह का कहना है कि महिला तो मोहरा है। सीबीआई जांच में यह साफ हो जाएगा कि उसने किसके कहने पर मामला दर्ज कराया था।
हरक सिंह रावत मंगलवार को दिल्ली में जब मीडिया के सामने अपना पक्ष रखने पहुंचे तो फूट-फूटकर रो पड़े। उन्होंने कहा कि हरीश रावत जब मुझे अन्य तरह से नहीं फंसा सके, तो उन्होंने 13 साल पुराने मामले की तर्ज पर उसी महिला का इस्तेमाल कर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का घृणित चेहरा पेश किया है। उन्होंने कहा कि उनकी जान को खतरा है। गलत हथकंडे अपनाकर मेरा राजनीतिक करियर बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है।
‘मेरी प्रतिष्ठा गिराने वालों की हो सीबीआई जांच’
उन्होंने मीडिया को मोबाइल मैसेज दिखाए, जिन्हें महिला ने भेजे थे। उन्होंने कहा कि पहले भी इस महिला के आरोपों की जांच में वे बेदाग बरी हुए थे। इस बार भी महिला ने कोर्ट में बयान देकर साफ कर दिया है कि दबाव में ही उसने ऐसा किया है। मैं चाहता हूं कि सीबीआई इस बात का पता लगाए कि आखिर कौन लोग हैं जिनके इशारे पर मेरे खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
हरक सिंह ने हरीश रावत को सरकार नहीं माफियाओं का सिंडीकेट चलाने वाला मुख्यमंत्री बताया। उन्होंने सरकार को बर्खास्त कर तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जो विधायक उनके दबाव में नहीं आए या पार्टी छोड़कर गए हैं उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। इस मौके पर सुबोध उनियाल ने कहा कि हरीश रावत तुच्छ राजनीति पर उतर आए हैं जिससे देवभूमि के नेताओं का चेहरा कलंकित हो रहा है।
-साभार , अमर उजाला
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