New Delhi: सिंघानिया परिवार का विवादों से पुराना नाता रहा है। ताजा विवाद विजयपत सिंघानिया और उनके बेटे गौतम जो कि रेमंड के चेयरमैन और मैनेजिंग डॉयरेक्टर हैं के बीच उपजा है।
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विजयपत ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें मालबार हिल स्थित 36-मंजिला जे के हाउस में एक डुप्लेक्स का पजेशन नहीं दिया गया है, जबकि रेमंड के मालिक को बार बार इस बारे में अवगत कराया जा चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि रेमंड के बॉस कंपनी के साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हैं जैसे कि वो उनकी व्यक्तिगत जागीर हो। आपको बता दें कि जब 1960 में जब जे के हाउस का अनावरण किया गया था तब ये सिर्फ 14-मंजिला ढांचा था। बाद में बिल्डिंग के चार डुप्लेक्स पश्मीना होल्डिंग को दे दिए गए थे। साल 2007 में कंपनी और रहने वालों ने तय किया कि इस ढांचे का पुर्ननिर्माण किया जाए।
डील के मुताबिक विजयपत एवं गौतम, वीणा देवी (विजयपत के भाई अजयपत सिंघानिया की विधवा) और उनके बेटे अनंत और अक्षयपत को 5,185 वर्ग फीट का डुप्लेक्स नई बिल्डिंग में 9,000 रुपए वर्गफीट के भुगतान पर मिलना था।
पहले ही, वीनादेवी और अनंत ने एक संयुक्त याचिका दायर की है, जबकि अक्षयपत ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने हर किसी को डुप्लेक्स दिए जाने का दावा किया है।
विजयपत ने गौतम पर खराब आचरण का आरोप लगाते हुए पुलिस शिकायत का हवाला दिया है। विजयपत ने अदालत से कहा कि दो रेमंड कर्मचारियों जितेंद्र अग्रवाल और आरके गनेरीवाला जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी, बैंक डॉक्यूमेंट और पर्सनल फाइल जमा कराई है उसे गौतम के कहने पर गायब करवा दिया गया है और अब उनके पास अपने दस्तावेज के संदर्भ में कोई प्रमाण नहीं है।
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