पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच सीबीआई भी एक्शन में है. कोल स्मगलिंग में जांच का दायरा बढ़ते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के परिवार तक पहुंच चुका है. ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला से सीबीआई आज पूछताछ कर रही है. इसके लिए सीबीआई की टीम अभिषेक बनर्जी के घर पहुंची है.
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी के घर पहुंचीं और बातचीत करने के बाद थोड़ी देर बाद निकल गईं. जैसे ही ममता बनर्जी अभिषेक के घर से निकलीं वैसे ही सीबीआई की टीम पहुंच गई.
असल में, सीबीआई ने रविवार को रुजिरा बनर्जी को नोटिस दिया था. इस पर रुजिरा नरूला बनर्जी ने सोमवार को सीबीआई को चिट्ठी लिखकर अधिकारियों से घर पर 23 फरवरी को पूछताछ के लिए कहा था.
इस बीच, सीबीआई ने सांसद और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की साली से भी पूछताछ की है. अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर के घर सीबीआई की टीम सोमवार को पहुंची थी. बताया जा रहा है कि करीब तीन घंटे सीबीआई की टीम मेनका गंभीर से पूछताछ की.
असल में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 27 नवंबर, 2020 को ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ECL) के कई अधिकारियों-कर्मचारियों और अनूप मांझी उर्फ लाला, सीआईएसएफ और रेलवे के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आरोप था कि ईसीएल, सीआईएसएफ, रेलवे और संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत से ईसीएल के लीजहोल्ड क्षेत्र से कोयले की चोरी और तस्करी की गई.
सीबीआई ने यह FIR मई, 2020 में ईसीएल के कई लीज एरिया पर टास्क फोर्स की रेड के बाद दर्ज की थी. बाद में जांच के तहत सीबीआई कई छापेमारी की. दर्ज एफआईआर में अनूप मांझी को अवैध खनन का मुख्य आरोपी बताया. सीबीआई ने पिछले साल 28 नवंबर को पश्चिम बंगाल के 45 स्थानों पर छापे मारे. बाद में टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के करीबी विनय मिश्रा के यहां भी छापे मारे गए. विनय मिश्रा को सीबीआई ने चार बार तलब किया, लेकिन वह एजेंसी के सामने कभी पेश नहीं हुए. विनय मिश्रा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट और लुक-आउट नोटिस भी जारी किए गए हैं.
बहरहाल, सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान कुछ बयानों में रुजीरा नरूला का नाम सामने आया. रुजिरा की फर्म लीप्स एंड बाउंड्स मैनेजमेंट सर्विस पर संदेह है. इसमें कुछ लेनदेन की आशंका है. असल में, अभिषेक ने अपनी मां लता के नाम 2010 में लीप्स एंड बाउंड्स नामक एक फर्म शुरू की. 4 मई, 2011 को इसे पंजीकृत किया गया था. 19 अप्रैल 2012 को अभिषेक ने एक दूसरी कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड शुरू की. तीसरी कंपनी 20 मार्च 2017 को शुरू की गई थी, जिसमें रुजीरा बनर्जी और पिता अमित भागीदार थे.
बता दें कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी की मदद से अभिषेक ने अपनी फर्म का इस्तेमाल पोंजी योजनाओं के लिए किया. दो वर्षों में अभिषेक बनर्जी की फर्म का कारोबार 300 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. आरोपों के बाद अभिषेक ने कंपनी का डायरेक्टर पद छोड़ दिया था.