ब्रिसबेन में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच की पहली पारी में भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने 369 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान रिषभ पंत को लेकर कमेंट्री बॉक्स में काफी बातें की गई। दरअसल रिषभ पंत अपनी विकेटकीपिंग के दौरान कुछ ना कुछ बोलते हुए लगातार गेंदबाजों का हौसला बढ़ाते हैं। खेल के पहले दिन भी रिषभ ऐसा ही कर रहे थे। अब उनकी इस आदत को देखते हुए दो पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न और मार्क वॉ ने उन्हें दायरे में रहकर काम करने की नसीहत दे डाली।
हुआ ये कि इस टेस्ट के पहले दिन के टी ब्रेक से पहले वॉशिंगटन सुंदर गेंदबाजी कर रहे थे और उस समय स्ट्राइक पर मैथ्यू वेड थे। इस दौरान रिषभ लगातार सुंदर का हौसला बढ़ाने के लिए कुछ ना कुछ बोल रहे थे और यही नहीं जब सुंदर गेंद फेंकने जा रहा थे तब भी वो चुप नहीं हुए। रिषभ की बातों से बल्लेबाजी कर रहे मैथ्यू वेड असहज महसूस कर रहे थे और उन्होंने बल्लेबाजी करने से मना कर दिया।
इस घटना के दौरान कमेंट्री कर रहे शेन वॉर्न और मार्क वॉ ने इस बात को नोटिस किया और और अपनी चर्चा के दौरान रिषभ पंत को मुंह बंद रखने की सलाह दी। मार्क वॉ ने कहा कि, मुझे कीपर द्वारा कुछ बोलने पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन जब गेंदबाज गेंद फेंकने जा रहा हो तो उन्हें चुप हो जाना चाहिए। मुझे ऐसा लगता है कि, ऐसी बातों को अंपायर को कंट्रोल करना चाहिए क्योंकि ये खिलाड़ियों के हाथ की बात नहीं है। वहां पर अंपायर को गेम को कंट्रोल में लेना चाहिए क्योंकि अगर ये ज्यादा होता है तो इससे खेल प्रभावित होता है।
वहीं शेन वॉर्न ने भी मार्क वॉ की बातों पर अपनी सहमति जताई और कहा कि, रिषभ पंत अपनी टीम का हौसला इस तरह से बढ़ाते हैं और इसमें उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन हर चीज की एक सीमा होनी चाहिए और रिषभ को पता होना चाहिए कि उन्हें कब बोलना है और कब अपना मुंह बंद कर लेना है। जब गेंदबाज गेंद फेंकने जा रहा हो तो उन्हें चुप हो जाना चाहिए जिससे कि बल्लेबाज पूरी तरह से गेंद पर फोकस कर सके और शायद यही सही तरीका भी है।