वैसे तो भारत में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी ठंडे बस्ते में है लेकिन टेलीकॉम कंपनियां इसकी तैयारी में लगी हैं। रिलायंस जियो ने कहा है कि उसने 5जी की टेक्नोलॉजी खुद ही विकसित कर ली है और टेस्टिंग के लिए सरकार से इजाजत मांग रही है।
सीधे शब्दों में कहें तो जियो के पास 5जी टेक्नोलॉजी मौजूद है और वह अब टेस्टिंग करना चाहती है। जियो ने यह भी दावा किया है 5जी नेटवर्क के लिए उसने किसी से मदद नहीं ली है। 5जी नेटवर्क को खुद ही डिजाइन किया है।
वहीं खबर यह भी है कि जियो ने भले की अकेले 5जी तकनीक को विकसित कर लिया है लेकिन परीक्षण सफल रहने के बाद 5जी उपकरणों को डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग का काम दूसरी कंपनियों को दिया जा सकता है।
कहा जा रहा है कि इसके लिए जियो सैमसंग, हुवावे, नोकिया और एरिक्सन जैसी कंपनियों की मदद लेगी। बता दें कि जियो के लिए 4जी उपरकरणों की आपूर्ति सैमसंग कर रही है।
बता दें कि पिछले महीने ही भारत दौरे पर आए माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी से मुलाकात की।
इस दौरान मुकेश अंबानी ने नडेला से कहा कि भारत का हर छोटा बिजनसमैन आने वाले समय में धीरूभाई अंबानी बन सकता है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि जियो के आने के कारण भारत में इंटरनेट बहुत सस्ता हुआ है। जियो से पहले भारत में एक जीबी डाटा की कीमत 300-500 रुपये थी जो कि अब 12-15 रुपये हो गई है।