कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना की दूसरी लहर के कहर को लेकर केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। कोरोना श्वेत पत्र प्रस्तुत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में जान गंवाने वाले 90 फीसदी लोगों को बचाया जा सकता था। इसकी बड़ी वजह ऑक्सीजन की कमी थी। पीएम मोदी के आंसू मरने वालों के परिवार के लोगों के आंसू नहीं पोंछ सकते। प्रधानमंत्री के आंसू लोगों को नहीं बचा पाए, लेकिन ऑक्सीजन जरूर बचा ली। लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि उनका फोकस बंगाल के चुनाव पर था। इसके साथ ही राहुल गांधी ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा न दे पाने को लेकर भी सवाल खड़ा किया।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा करके 4 लाख करोड़ रुपये कमाएं हैं। ऐसे में अकेले कमाऊ सदस्यों को खोने वाले परिवारों को कुछ राहत जरूर देनी चाहिए। कोरोना संकट को लेकर अकसर सरकार की आलोचना करने वाले राहुल गांधी ने कहा कि उनकी ओर से पेश किया गया श्वेत पत्र कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से निपटने के लिए ब्लूप्रिंट भी है। राहुल गांधी ने कहा कि यदि हम नहीं चेते और पहले से तैयारी नहीं की तो फिर कोरोना की तीसरी लहर देश के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है।
राहुल गांधी ने श्वेत पत्र में कहा कि हमें संकट से निपटने के लिए 4 लेवल पर रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि पहला कदम यह होना चाहिए कि 100 फीसदी आबादी को टीका लग जाए। इसके साथ ही अस्पतालों में बेड, मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, दवा और ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित होनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि योग दिवस के मौके पर देश भर में 86 लाख से ज्यादा टीके लगे हैं, जो अच्छी बात है, लेकिन यह स्पीड हमेशा बनी रहनी चाहिए। इसके साथ ही राहुल गांधी ने गरीब परिवारों के खाते में सीधे कैश ट्रांसफर किए जाने की भी जरूरत बताई। राहुल ने कहा कि यही वह वर्ग है, जो कोरोना और लॉकडाउन के चलचे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।