राष्ट्रपति ने कहा, देश की बेटियों ने निष्ठाभाव से दिया साहस का परिचय

भारत के राष्ट्रपति (President of India) रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) गुरुवार को राष्ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme- NSS) के अवार्ड समारोह में शामिल हुए हैं। राष्ट्रपति कोविंद वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए इस समारोह में शामिल हुए हैं। बता दें कि आज राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस योजना की शुरूआत साल 1969 में 24 सितंबर को हुई थी।

नेशनल सर्विस स्कीम 2018-19 अवार्ड समारोह का आयोजन सुबह साढ़े 10 बजे से किया गया है। समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “वर्ष 2018-19 के लिए ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी स्वयं-सेवकों को हार्दिक बधाई! यह मेरे लिए बहुत हर्ष का विषय है कि आज इस समारोह द्वारा, मैं सेवा-भावना और सामाजिक प्रतिबद्धता से भरपूर युवाओं से बात कर रहा हूं।”

युवा पीढ़ी को गांधी जी के आदर्शों से जोड़ने के लिए शुरू की गई योजना

राष्ट्रपति ने बताया कि युवा पीढ़ी को गांधी जी के आदर्शों से जोड़ने के लिए यह योजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, ‘गांधी जी के आदर्शों से युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ की शुरुआत, उनकी जन्म-शताब्दी के उपलक्ष में सन् 1969 में की गयी थी। यह योजना, आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी पांच दशक पहले थी।”

42 स्वयं-सेवकों को राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार

समारोह के दौरान 42 पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा जिसमें 14 लड़कियां भी शामिल हैं। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, “राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य है सेवा के माध्यम से शिक्षा। सेवा के द्वारा युवा स्वयं-सेवकों के चरित्र का निर्माण तथा व्यक्तित्व का विकास होता है। इस योजना का आदर्श वाक्य है ‘Not me but you’ यानि ‘मैं नहीं, बल्कि आप’। उन्होंने आगे कहा, “इसका भाव है, अपने हित की जगह दूसरे के हित पर ध्यान देना यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि अनेक तकनीकी संस्थानों, कॉलेजों तथा विश्‍वविद्यालयों के लगभग 40 लाख युवा विद्यार्थी ‘राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़कर, समाज और राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं। अब तक लगभग सवा चार करोड़ विद्यार्थी राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से अपना योगदान दे चुके हैं। मेरे लिए, आज के पुरस्कारों से जुड़ा एक तथ्य विशेष रूप से संतोषप्रद है। वर्ष 2018-19 के 42 पुरस्कार विजेताओं की सूची में 14 बेटियों के नाम भी शामिल हैं। इन बेटियों ने अपनी असाधारण निष्ठा, सेवा-भावना और साहस का परिचय दिया है।”

बता दें कि 28 अगस्त, 1959 को एक राष्ट्रीय समिति की स्थापना की गई थी और 24 सितंबर, 1969 को 37 विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम की शुरूआत की गई। तत्कालीन शिक्षा मंत्री डॉ. वी. के आर. वी राव ने इस योजना की शुरूआत की थी। वर्तमान समय में इस योजना के तहत 39,695 इकाइयों में 36.5 लाख से अधिक स्वयंसेवी हैं।

 

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