भारतीय ज्योतिष के अनुसार जिस कन्या का विवाह माघ मास मे होता है वह धनवान, फाल्गुन में सौभाग्यवती तथा वैशाख या ज्येष्ठा में होता है उसका पति उसको प्रेम करने वाला होता है।चलिए जानते है राशिनुसार जीवनसाथी और प्रेम –
मेष-
इस राशि वालों में प्रेम के प्रति सचेत रहते है। संबधीयों एवं मित्रों से प्रेम करने वाले होते है। अपने व्यवहार से विपरित लिंग के चहेते होते है एवं सभी को उचित सम्मान देकर प्रेम प्राप्त करते हैं। सब कुछ जानते हुए भी यह जिससे प्रेम करते है उसके दोषों को नजर अंदाज कर देते है तथा प्रेम में धोखा भी खाते है।
वृषभ-
इनमें प्रेम की तीव्रता होती है। यह जल्दी ही प्रेम की परकाष्ठा पर पहुंचते है एवं शीघ्र ही उसको समाप्त भी कर देते हैं। ज्यादा समय तक इनको प्रेम भंग का दुख नही होता। यह सभी संबधीयों से प्रेम करते है. अक्सर प्रेम मिलने की कमी महसूस होती है।
मिथुन-
प्रेम के मामलों मे यह बहुत ही सोच समझकर आगे बढ़ते है। एक बार किसी को अपनाने के बाद यह उसको छोड़ते नही। यह किसी की सुनी हुई बात पर विश्वास नही करते। मित्रों एवं परिजनों को विशेष आदर एवं प्रेम प्रदान करने वाले होते है। इनको प्रेम की प्राप्ति भी होती है।
कर्क-
सदैव दूसरों को आदर मान सम्मान देने वाले एवं परिजनों को प्रेम करने वाले होते है। कभी किसी का अपमान नही करते। इनको संतान एवं दाम्पत्य जीवन में प्रेम प्राप्त होता है किंतु परिजन इनके प्रेम का अनादर ही करते है। इनके सिधे स्वभाव को दब्बुपन भी समझा जाता है।
सिंह-
इनका प्रेम आसाधारण होता है। यह लोग प्रेम संबध को जीवन पर्यंत निभाते है। इन लोगों को संबध सिमित होते है। लेकिन जिससे होते है उसको यह पूरी तन्मयता से निभाते है। माता-पिता, मित्रों एवं परिजनों से प्रेम करने वाले एवं उनका ख्याल रखते हुए उनको आगे बढ़ाने वाले होते है। संतान से भी प्रेम प्राप्त करने वाले होते है।
कन्या-
इस राशि के जातक आकर्षक होते है। इनको अपने जीवन में सभी से प्रेम की प्राप्ति होती है किंतु रहस्यमयी व्यवहार होने के कारण यह संबधीयों एवं मित्रों के प्रेम से वङ्क्षचत हो जाते है। चंचलता को यह पसंद नही करते तथा शिष्टिता से रहने वालों के साथ ही संबध बनाते है। इनका प्रेम स्वार्थी नही होता।
तुला-
अंर्तज्ञान से पूर्ण होते है। यह बहुत सोच कर ही मित्र, संबधी अथवा अन्य किसी से किसी भी प्रकार का संबध बनाते है। जीवन में एक ही साथी को अपनाते है तथा उस पर अपना पूरा प्रेम न्यौछावर करते है। अपने लिए भी अपने साथी से यह ऐसा ही चाहते है किंतु ऐसा हो नही पाता। इनका साथी पूर्ण प्रेम संबधों को नही निभाता फिर भी यह अपने प्रेम को उसके प्रति कम नही करते।
वृश्चिक-
इस राशि के जातक अपने प्रेम को पूरी निष्ठा से निभाते है। वह प्रेम के बदले प्रेम चाहते है इसको पाने में वह सफल नही होते। कभी- कभी इन्हें यह अहसास भी होता है कि इनके प्रेम का दुरुपयोग हुआ है। माता-पिता के प्रति यह हमेशा प्रेमपूर्ण व्यवहार रखते है। लेकिन इनको गलत भी समझा जा सकता है। पिता के साथ इनकी हमेशा तनाव हो सकता है।
धनु-
प्रेमपूर्ण व्यवहार करने वाले तथा सभी को साथ में लेकर चलने वाले होते है। सभी को उचित सम्मान देते है एंव पाते भी है। जीवन साथी से इनको प्रेम प्राप्त होता है कम अवसरों पर ही तनाव के हालात बनते हैं। इनका स्वभाव सौम्य होता है। संबधीयों एवं कुंटुबियों से प्रेम प्राप्त होता है।
मकर-
इस राशि के जातक प्रेम के प्रति शिघ्र आकर्षीत होते है। कोई इनसे थोडी सी अच्छी बात करेगा तो यह उसके मुरीद हो सकते है। यह लोग किसी मेें बुराई देखते ही नही। सभी में अच्छाई ढुंढऩा एवं उसकी प्रशंसा करना ही इनकी आदत होती है। अर्थात यह सभी से प्रेम करने वाले होते है।
कुंभ-
विपरित लिंग को आकर्षीत करने वाले यह लोग प्रेम को शिघ्र नही पाते। प्रेम पाने के लिए इन्हें संघर्ष करना होता है। ह्रदय से यह शुद्ध होते है। मित्रता को पूरी निष्ठा से निभाते है। किसी से अपेक्षा नही रखना एंव अपने कार्य एवं हालात से संतुष्ठ रहना इनको सभी का प्रिय बनाती है। अक्सर लोग इनसे नि:स्वार्थ प्रेम करते है।
मीन-
यह आकर्षक होते है। प्रेम संबधो को कई बार बदलते है तथा अपने प्रेम की परिभाषा को भी बदलते रहते है। नरम दिल के होने के कारण सभी के प्रिय होते है। परिजनों की नि:स्वार्थ भाव से सेवा एंव प्रेम करते है ङ्क्षकतु बदलेे में इनको इसका परिणाम प्राप्त नही होता। जीवन साथी से प्रेम प्राप्त होता है।