कल्पना कीजिए रात को आपके मोबाइल में मिस्ड कॉल्स आए हों और उसके बाद आपके बैंक अकाउंट में लूट हो गई हो। यह संभव है क्योंकि ऐसा मुंबई में एक बिजनेसमैन के साथ हुआ है। रात को 6 मिस्ड कॉल आने के बाद बिजनेसमैन के बैंक अकाउंट से 1.86 करोड़ रुपए की लूट हो गई।
जानिए क्या था मामला
मुंबई के महिम के रहने वाले बिजनेसमैन वी शाह ने शिकायत दर्ज की कि उसके बैंक अकाउंट से मिस्ड कॉल्स स्कैम के जरिए 1.86 करोड़ रुपए गायब हो गए। 27 व 28 दिसंबर की रात में, उसे रात 11 बजे से सुबह 2 बजे इंडियन और यूके (+44 कोड) से 6 मिस्ड कॉल्स आए। जब वह सुबह उठे और इन नंबरों पर कॉल किया तो उन्होंने पाया कि उनकी सिम डिएक्टिवेट हो गई। किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका में उन्होंने अपना बैंक अकाउंट चेक किया तो देखकर हैरान रह गए कि उनके अकाउंट से 1.86 करोड़ रुपए गायब हो गए। 14 बैंक अकाउंट्स से 28 ट्रांजेक्शंस के जरिए पैसा लूट लिया गया।
बीकेसी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने इंडियन पेनल कोड सेक्शन 420, 419 और 34 और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शंस 43 और 66डी के तहत मामला दर्ज किया है।
घोटालेबाजों ने व्यवसायी के बैंक अकाउंट पर कंट्रोल पाने के लिए सिम स्वैप मैथड का उपयोग किया है, और फिर उसे लूट लिया। बीकेसी साइबर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के मुताबिक धोखेबाजों ने किसी तरह वी शाह का सिम नंबर का एक्सेस पाया जो कि सिम के बैकसाइड पर प्रिंट था। इसका उपयोग करके, उन्होंने डुप्लीकेट सिम कार्ड बनाया और ओरिजनल सिम डिएक्टिवेट कर दी। एक बार ये प्रोसेस होने पर पैसा चुराना कोई मुश्किल काम नहीं। उन्होंने पैसा ट्रांसफर किया और इसके लिए केवल ओटीपी की जरूरत होती है और वो उनके पास था।
मिस्ड कॉल्स देने का मकसद था, यह जानना कि वी शाह का नंबर काम कर रहा है या नहीं। पुलिस के मुताबिक उनके टेलीकॉम ऑपरेटर को रात को 11.30 बजे डुप्लीकेट सिम की रिक्वेस्ट मिली और सिम को डुप्लीकेट करने में चार घंटे लगे और फिर पुरानी सिम डिएक्टिवेट हुई। पीड़ित को मिस्ड कॉल्स यह जानने के लिए दिया गया कि सब कुछ ठीक है या नहीं।
शुरूआती जांच के मुताबिक, ऐसा प्रतीत होता है कि शाह ने किसी फ्रॉड ऐप या बैंक की वेबसाइट एक्सेस की होगी जिससे सिम कार्ड के नंबर की डिटेल्स और बैंक अकाउंट की डिटेल्स गई होगी। सिम को डुप्लीकेट करके, धोखेबाज उनके बैंक अकाउंट से पैसे नहीं निकाल पाए होंगे क्योंकि उन्हें पैसे ट्रांसफर करने के लिए पहले किसी भी बैंक अकाउंट की जरूरत होती।
पुलिस ऑफिसर के मुताबिक, अगर आपने बैंक वेबसाइट का कभी फर्जी वर्जन खोल लिया हो तो आपके डिटेल्स ऑटोमेटिकली चले जाते हैं। जब भी आप अनसिक्योर्ड वेब कनेक्शंस एक्सेस करते हैं या फिशिंग मेल्स खोल लेते हैं तो आपका डेटा एक्सेस होता है। हमें आशंका है कि शाह ने ऐसा कोई मेल या ऐप एक्सेस किया होगा। दूसरी संभावना है कि वी शाह के किसी करीबी ने नंबर चुराया हो और उसे इस धोखाधड़ी के लिए धोखेबाजों के साथ शेयर किया हो।