राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में कोलकाता स्थित संस्कृत कालेज के कुलपति की नियुक्ति में उनसे परामर्श नहीं किया गया, जिसका उन्हें दुख है। इन सब चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘उच्च शिक्षा मंत्रालय में कुलाधिपति के साथ संवाद शून्यता की स्थिति है। यह एक नीतिगत खामी है और मैं इसे लेकर चिंतित हूं।
मैं विश्वविद्यालयों में शिक्षा के बेहतर हालात पैदा करने के लिए प्रयास कर रहा हूं।’ सरकार के साथ संवाद शून्यता और अन्य चीजों के लिए क्या शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी जिम्मेदार हैं?
धनखड़ के इन आरोपों के बाद एक बार फिर ममता सरकार और राज्यपाल के आमने-सामने की संभावना बढ़ गई है। जुलाई में राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद से धनकड़ और ममता सरकार कई मुद्दों पर आपस में भिड़ चुके हैं।