राजस्थान में कैबिनेट विस्तार से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के रिश्तों में फिर से खटास आ गई है। राज्य में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर अशोक गहलोत ने प्रभारी महासचिव अजय माकन और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के साथ मीडिया से बातचीत की। इस दौरान पायलट का नाम लिए बिना गहलोत ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग दिल्ली के नेता होते हैं और वो जीवन भर ये तमगा लेकर घूमते रहते हैं।
इस दौरान गहलोत ने कहा कि सभी कांग्रेसी नेताओं को चाहिए कि वे जमीन पर काम करें। कुछ नेता दिल्ली वालों से तमगा लेकर आते हैं और फिर वे जीवन भर नेता बनकर ही फिरते रहते हैं।माना जा रहा है कि गहलोत का निशाना पायलट पर था। उन्होंने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब राज्य में कैबिनेट विस्तार की संभावना जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार गहलोत कैबिनेट का विस्तार होना है जो पायलट की वजह से रुका हुआ है। दरअसल, पायलट चाहते हैं कि कैबिनेट और संगठन में उनके गुट के नेताओं की भागीदारी बढ़े। वहीं गहलोत राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन में अपने गुट के लोगों को रखना चाहते हैं।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने राजस्थान सरकार को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि गहलोत सरकार को सचिन पायलट से ही खतरा है। पायलट जल्द ही पार्टी छोड़कर आएंगे और सरकार गिर जाएगी। अठावले के इस बयान से गहलोत सरकार में हड़कंप मच गया है।