उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद से देश में आरोपियों के खिलाफ आक्रोश है। इस घटना से इतर राजस्थान के बारां में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई है। यहां दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया गया है, जिसपर बवाल मच गया है। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि दोनों घटनाओं की तुलना करना सही नहीं है, क्योंकि दोनों ही मामले पूरी तरह अलग हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के बारां में हुई घटना की तुलना हाथरस से होने को दुर्भाग्य बताया है। उन्होंने कहा, ‘हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना को हाथरस की घटना से कंपेयर (तुलना) किया जा रहा है।
जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही।’
उन्होंने कहा, ‘बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया एवं अनुसंधान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग हैं, जांच आगे भी जारी रहेगी। घटना होना एक बात है और कार्यवाही होना दूसरी, घटना हुई तो कार्यवाही भी तत्काल हुई।
इस केस को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से कंपेयर करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।’
यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, ‘वे (कांग्रेस नेता) राजस्थान का दौरा क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी राजस्थान में हो रही घटनाओं पर जवाब नहीं देंगे? वे जिले का दौरा कर इस मुद्दे पर (हाथरस दुष्कर्म की घटना) राजनीति करना चाहते हैं।’
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए देशभर में गुस्सा है। पीड़िता की मौत के बाद उसका जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले पर सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार विपक्ष के निशाने पर है।