राजधानी के नेहरू नगर इलाके के एक मकान में छात्रा से प्रेमी और उसके तीन दोस्तों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कई परतें खुली हैं। नई जानकारी चौंकाने वाली है। पीड़ित छात्रा बिहार सरकार में बड़े पद पर काबिज एक अफसर की बेटी है। उसकी मां ने बेटी का यौन शोषण करने के आरोप में पति को जेल भिजवाया था। तब छात्र नाबालिग थी। उस वक्त वह शहर के एक नामी स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी। हालांकि, इस मामले में बाद में समझौता हो गया।
घर से गिरफ्तार कर भेजा था जेल
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 13 अप्रैल 2013 को महिला थाने में अधिकारी के खिलाफ उनकी पत्नी ने लंबे समय से बेटी का यौन शोषण करने का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने अधिकारी को उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कुछ महीने बाद मामले में समझौता हो गया। महिला थाना पुलिस की मानें तो छात्रा की मां अब उसके साथ नहीं रहती। वह पाटलिपुत्र स्थित घर पर पिता के साथ रहती हैं।
दबाए रखा था कुछ देर तक मामला
सामूहिक दुष्कर्म मामले में दर्ज प्राथमिकी में छात्रा ने लिखा कि घटना के कुछ घंटे तक उसने मामले को दबाए रखा। इस बारे में एक लड़की को उसने बताया था। उसी लड़की ने उसके पिता को घटना की जानकारी दी। इसके बाद पाटलिपुत्र थाना और सिटी एसपी को कॉल किया। पाटलिपुत्र थाना पुलिस ने जब उससे संपर्क किया तो छात्रा घर पर थी।
कॉलेज में भी बनी रही गहमागहमी की स्थिति
बीएन कॉलेज में शुक्रवार को सामूहिक दुष्कर्म में आरोपित विपुल कुमार व उसके साथियों की कुंडली जानने के लिए पूरे दिन फाइलें खंगाली गईं। कॉलेज प्रशासन के अनुसार पुलिस प्रशासन से आरोपितों का विवरण मिलने के बाद शनिवार को स्थिति स्पष्ट होगी। शुक्रवार की शाम प्राचार्य की अध्यक्षता में अनुशासन कमेटी की आपात बैठक हुई। इसमें घटना की निंदा करते हुए विपुल कुमार व अन्य आरोपितों की पहचान के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। पहचान सुनिश्चित होने पर छात्रों को निष्कासित कर कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रो. डीएन शर्मा, डॉ. मुरारी शरण मांगलिक, डॉ. आशुतोष कुमार, डॉ. एमएल गुप्ता, डॉ. एसडी मिश्र आदि मौजूद थे।