दिल्ली के मंडावली थाने की एसएचओ पुष्पलता ने 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गाजीपुर अंडरपास पर ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों को भड़काया और उकसाया था।

इंस्पेक्टर पुष्पलता का कहना है कि राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर से लाल किले की तरफ जाने के लिए किसानों को न केवल उकसाया बल्कि उनका नेतृत्व भी किया। एसएचओ ने बताया कि जब राकेश टिकैत के नेतृत्व में ट्रैक्टर रैली गाजीपुर से दिल्ली की ओर बढ़ने लगी तो दो महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका।
दो महिला पुलिसकर्मी ट्रैक्टर के आगे खड़ी हो गईं। जब किसानों ने बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो इंस्पेक्टर पुष्पलता और पुलिसकर्मी सुमन कुशवाहा ट्रैक्टर के बोनट पर लटक गईं। इंस्पेक्टर पुष्पलता का दावा है कि ये सब कुछ राकेश टिकैत की मौजूदगी में हो रहा था।
एसएचओ पुष्पलता ने बताया कि उन्होंने किसानों को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन किसान नहीं माने। जब इंस्पेक्टर पुष्पलता से पूछा गया कि बुधवार शाम राकेश टिकैत ने बयान दिया कि अगर उपद्रवी लाल किला पहुंच गए थे तो पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई, इस पर आप क्या कहेंगी। तब इंस्पेक्टर बोलीं कि जी राकेश टिकैत ने तो हमें गाजीपुर के पास भी कई बार उकसाने की कोशिश की।
इंस्पेक्टर बोलीं अगर हम गोली चला देते तो अलग ही नजारा होता लेकिन हमारा मकसद गोली चलाना नहीं था। हम तो लगातार ऐसी कोशिश करते रहे जिससे सबकुछ शांतिपूर्ण रहे। इंस्पेक्टर पुष्पलता ने इस बात से भी इनकार किया है कि किसानों की ट्रैक्टर रैली के रूट में कोई बैरिकेडिंग की गई थी। उन्होंने बताया कि सिर्फ उन रास्तों पर ही बैरिकेडिंग थी जिस पर किसानों को नहीं जाना था।
गौरतलब है कि गाजीपुर से दिल्ली जाने वाले रास्ते पर इंस्पेक्टर पुष्पलता और उनकी सहयोगी ने किसानों की भीड़ को करीब पौने दो घंटे तक वहां रोककर रखा ताकि भीड़ दिल्ली की ओर न जाकर परेड के लिए तय हुए रूट पर जाए।
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