बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती के मौके पर 14 अप्रैल को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को सशक्त बनाने के लिए पटना के पांच सितारा होटल मौर्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद थे, मगर इस पूरे कार्यक्रम को लेकर विवाद तब हो गया जब रविशंकर प्रसाद ने फाइव स्टार होटल में दलितों के साथ दिन का भोजन किया.
दरअसल, अंबेडकर जयंती के मौके 14 अप्रैल से 5 मई के बीच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सभी केंद्रीय मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वह दलित बस्तियों में जाएं, उनकी समस्याएं सुने और उन्हीं के साथ दिन का भोजन करें.
अंबेडकर जयंती के मौके पर शनिवार को रविशंकर प्रसाद, बिहार के मंत्री नंदकिशोर यादव और स्थानीय विधायक संजीव चौरसिया और नितिन नवीन के साथ पटना के चीना कोठी दलित बस्ती में जरूर गए और लोगों की समस्याएं भी सुनी. इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने चीना कोठी में अंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और एक लकड़ी के पुल की नींव रखी जिसके बाद वह मौर्य होटल के लिए रवाना हो गए.
तय कार्यक्रम के मुताबिक रविशंकर प्रसाद को दलित बस्ती में लोगों के साथ भोजन करने का कार्यक्रम भी था, मगर मौर्य होटल में अपने मंत्रालय से एक कार्यक्रम का हवाला देकर वह वहां से निकल गए. रविशंकर प्रसाद के निकल जाने के बाद नंदकिशोर यादव और भाजपा विधायक संजीव चौरसिया और नितिन नवीन ने विद्यापति भवन में दलितों के साथ भोजन किया.
बढ़ा विवाद
मगर विवाद यहीं नहीं थमा. विवाद उस वक्त और बढ़ गया जब मौर्या होटल के कार्यक्रम के समाप्त हो जाने के बाद रविशंकर प्रसाद ने कार्यक्रम में मौजूद दलित महिलाओं के साथ इस पांच सितारा होटल में दिन का भोजन किया जिसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गई.