दिलकुशा मार्कीट में रवि ज्वैलर्स में दिन-दिहाड़े हुई लूट मात्र एक ड्रामा था। उसका मालिक ही झूठी कहानी को रचने वाला निकला है। पुलिस को मामला पहले से ही संदिग्ध लग रहा था क्योंकि सी.सी.टी.वी. कैमरों में कोई भी शोरूम के अंदर घुसता नजर ही नहीं आया। वारदात के बाद जब एंटी नार्कोटिक्स सेल के इंचार्ज अशोक कुमार शर्मा ने जब जांच शुरू की तो रवि ज्वैलर्स को फोकस कर रहे आसपास के कई सी.सी.टी.वी. कैमरों की फुटेज खंगाली गई।
शिकायतकर्त्ता द्वारा शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे का समय बताया गया था लेकिन समय बदल-बदल कर कैमरे चैक करने पर भी रवि ज्वैलर्स में कोई भी संदिग्ध व्यक्कि एंट्री लेता नहीं दिखाई दिया। देर रात यह तय हो गया था कि मामला संदिग्ध है। शनिवार सुबह ही एंटी नार्कोटिक्स सेल ने शिकायकर्त्ता को बुला लिया। उससे काफी पूछताछ की लेकिन वह पुलिस को उलझाता रहा परंतु दबाव ज्यादा डालने पर उसने माना कि वह खुद डिप्रैशन में हैं और गलती से पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल कर बैठा। उसने माना कि उनके शोरूम में कोई भी लूट नहीं हुई। पुलिस ने शिकायतकर्त्ता ज्वैलर की मानसिक हालत को देखते हुए उसे वार्निंग देकर छोड़ दिया।
बता दें कि शुक्रवार दोपहर करीब डेढ बजे रवि ज्वैलर्स में गन प्वाइंट पर लूट होने की सूचना ने पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूला दिए थे। आनन फानन में मौके पर पुलिस अधिकारी पहुंचे थे।
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