मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में मिलावटी दूध बनाने की आशंका में रविवार को कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम अनिल भाना के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने शहर के पास स्थित डेलनपुर के एक दूध प्लांट पर छापामार कार्रवाई करते हुए अपनी जांच की, कलेक्टर राजेश बाथम स्वयं प्लांट पर पहुंचे और निरीक्षण किया। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने दूध एवं वहां मिली अन्य सामग्री के सैंपल एकत्रित किए हैं। शहर में ऐसा पहली बार है जब मिलावटी दूध की आशंका में इस तरह की छापामार करवाई की गई है। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद दूध में मिलावट को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी और प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा। लेकिन गोर करने वाली बात यह कि जो काम खाद्य विभाग को करना था वह प्रशासनिक अधिकारियों को क्यों करना पड़ा।
कलेक्टर राजेश बाथम को सूचना मिली थी कि डेलनपुर में बालाजी टाउनशिप के पीछे स्थित एक दुग्ध प्लांट में मिलावटी दूध तैयार किया जा रहा है। सूचना की तस्दीक के लिए कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम अनिल भाना, सीएसपी अभिनव वारंगे, औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा, तहसीलदार और खाद्य विभाग के अधिकारियों की टीम संयुक्त रूप से डेलनपुर स्थित दुग्ध प्लांट पर पहुंची। कार्रवाई के दौरान टीम को यहां से कुछ थैलों से पाउडर और कास्टिक सोडा के खाली पैकेट भी मिले हैं। इनके संबंध में प्लांट के संचालक राहुल पाटीदार का कहना था कि कास्टिक सोडा के जो खाली पैकेट मिले हैं वह मशीनों की सफाई के लिए थे।
कलेक्टर भी मौके पर पहुंचे
दुग्ध प्लांट पर कार्रवाई के दौरान कलेक्टर राजेश बाथम भी मौके पर पहुंचे और पूरे प्लांट का स्वयं निरीक्षण किया। उन्होंने सभी मशीनों को देखा और दुग्ध तैयार करने की प्रक्रिया को भी समझा। कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग के अधिकारियों ने प्लांट में तैयार हुए दूध के साथ ही वहां मिली अन्य सामग्रियों के सैंपल एकत्रित किए हैं। सैंपल की रिपोर्ट दो से तीन दिन में आने की संभावना जताई जा रही है। गुजरात एवं अन्य जिलों में यह दूध सप्लाई होता है। बताया जा रहा है कि प्लांट से बड़ी मात्रा में दूध गुजरात एवं अन्य जिलों के साथ एक नामी ब्रांड को भी बेचा जाता है।
जनहित के मुद्दे के बाद जन स्वास्थ्य के मुद्दे पर ध्यान
रतलाम शहर में यह पहला मौका है जब प्रशासन द्वारा किसी दुग्ध प्लांट पर इस तरह की छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। अभी तक नाम मात्र की औपचारिकता पूरी करते हुए कुछ दुकानों से सैंपल एकत्रित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती थी। वहीं अधिकांश कार्रवाई में सैंपल रिपोर्ट के बारे में भी पता नहीं चल पाता है। कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा कुछ दिनों पूर्व जहां सूचना मिलने पर जनहित के दृष्टिगत शहर के एक बड़े स्कूल पर छापामार कार्रवाई को ना सिर्फ अंजाम दिया गया, बल्कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आर्थिक दंड लगाते हुए मान्यता समाप्त करने के लिए शासन को पत्र भी भेजा गया था। अब कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा जन स्वास्थ्य के मुद्दे को ध्यान रखते हुए सूचना मिलने पर मिलावटी दूध की आशंका में आज यह कार्रवाई की गई है।