झारखंड चुनाव नतीजों से जो तस्वीर सामने आ रही है, उससे साफ है कि रघुवर दास सरकार की विदाई तय है। विपक्ष बीजेपी को लगे इस झटके की वजह सीएम रघुवर दास की अक्खड़ छवि को भी मानता है.

बता दें कि सीएम रघुवर दास ‘अबकी बार 65 पार’ का नारा दे रहे थे, अब नतीजों में बीजेपी 30 का आंकड़ा छूते भी नजर नहीं आ रही है. रघुवर दास जिस जमशेदपुर ईस्ट सीट पर 1995 से लगातार जीत रहे हैं, जहां पिछला चुनाव उन्होंने 70 हजार वोटों से जीता था. इस बार मुख्यमंत्री रहते हुए भी उस सीट को जीतने के लिए वह जोर आजमाइश करते नजर आए.
झारखंड में रघुवर दास सीएम रहते हुए अपनी छवि के लिए चर्चा में रहे. ऐसा कई बार हुआ जब वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में अफसरों, फरियादियों पर अपना गुस्सा जाहिर कर चुके हैं.
एक वाकया 2015 का है. रघुवर दास धनबाद दौरे पर थे. इस दौरान बोकारो के जिला अधिकारी मनोज कुमार को मोबाइल पर बात करते देख उन्होंने उन्हें हॉल छोड़कर जाने का आदेश दे दिया.
इसके आधे घंटे बाद फिर उन्हें वापस बुला लिया. इसी कार्यक्रम में भाषण के दौरान एक स्थानीय अधिकारी अनिल कुमार सिंह को मंच के सामने से जाते देख रघुवर दास आग बबूला हो गए. सीएम का यह बर्ताव काफी चर्चाओं में रहा था
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