दिल्ली छावनी में नए थल सेना भवन की प्रस्तावित संरचना का शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भूमिपूजन और शिलान्यास किया। शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद थे। सेना के अधिकारी के मुताबिक कार्यालय परिसर और पार्किंग बनाने के लिए लगभग 7.5 लाख वर्ग मीटर (39 एकड़ ) क्षेत्र में निर्माण किया जाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिलान्यास कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने नए सेना भवन के लिए पहला पत्थर रखा है, यहां कई और पत्थर रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह भवन सशस्त्र बलों के उन गुमनाम नायकों का प्रतिनिधित्व करेगा जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है।
सेना के अधिकारी ने बताया कि इस भवन में कुल 6014 कार्यालयों का निर्माण किया जाएगा इसमें से 1684 कार्यालय सैन्य, गैर सैन्य अधिकारियों के लिए और 4330 उप-कर्मचारियों के लिए होंगे।
इनमें न्यूनतम दो लाख घंटे कुशल और अकुशल कार्य होंगे और इससे युवाओं के लिए रोजगार उत्पन्न होगा। इस भवन का निर्माण पांच वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा। थल सेना भवन के शिलान्यास समारोह में सभी धर्मों के बीच आपसी सौहार्द के लिए एक बहु-विश्वास प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।
सेंट्रल विस्टा रिडेवलप्मेंट प्लान के तहत साउथ ब्लॉक के पास बन रहे सेना भवन में सेना के कई मुख्य कार्यालय होंगे। कई सेना प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी जो साउथ ब्लॉक में बैठते हैं वे नई इमारत के तैयार होने तक वहीं बैठेंगे।
तीन सेनाओं में सबसे बड़ी थल सेना कई सालों से नई इमारत की मांग कर रही थी जिससे की शहर में अलग-अलग फैले कार्यालयों को एक साथ लाया जा सके। थल सेना के कई कार्यालय अभी आरके पुरम में हैं। नए थल सेना भवन के निर्माण हो जाने पर सभी कार्यालय इसी भवन में आ जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक नई इमारत तैयार हो जाने पर नॉर्थ और साउथ ब्लॉक कॉम्पलेक्स को राष्ट्रीय संग्रहालय में तब्दील कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास को साउथ ब्लॉक कॉम्पलैक्स के पीछे शिफ्ट कर दिया जाएगा।
वहीं उप राष्ट्रपति का आवास नॉर्थ ब्लॉक के पीछे शिफ्ट कर दिया जाएगा। साउथ और नॉर्थ ब्लॉक में बने केंद्र सरकार मंत्रालयों को कॉमन सचिवालय में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
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