उत्तर प्रदेश पुलिस, इन दिनों गैंगस्टर्स के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन चला रही है. विकास दुबे के बाद अब यूपी प्रशासन के निशाने पर हैं मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मुख्तार अंसारी. मुख्तार अंसारी फिलहाल जेल में हैं.

इधर प्रशासन ने मुख्तार की लगभग 50 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. वहीं मुख्तार गैंग पर शिकंजा कसते हुए यूपी प्रशासन ने वाराणसी के हिस्ट्रीशीटर श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुन्ना पंडित के घर कुर्की की कार्रवाई शुरू की है. झुन्ना पंडित फिलहाल चित्रकूट जेल में बंद है. पंजाब में इसकी गिरफ्तारी हुई थी.
शनिवार दोपहर को एएसपी मोहम्मद मुश्ताक भारी पुलिस बल के साथ कुर्की की कार्रवाई करने उसके घर पहुंचे थे. श्रीप्रकाश मिश्रा पूर्वांचल में कई अपराध को अंजाम दे चुका है. इससे पहले गाजीपुर जिला प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के तीन सहयोगियों और रिश्तेदारों के शस्त्र लाइसेंस को भी रद्द कर दिया है.
जिलाधिकारी ने कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर गाजीपुर के मीर अशरफ अली मोहल्ला निवासी मोहम्मद सालिम पुत्र स्वर्गीय मोहम्मद हाकिम, बरबहना निवासी नूरुद्दीन आरिफ पुत्र स्वर्गीय मोहम्मद नसरुद्दीन और गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र के ही सैयदवाड़ा निवासी मसूद आलम पुत्र स्वर्गीय इनामुल हक के शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए हैं.
सालिम और नूरुद्दीन मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार हैं, जबकि मसूद आलम, मुख्तार अंसारी गैंग का सहयोगी है. पुलिस ने नियमों के अनुसार, नूरुद्दीन आरिफ और मसूद आलम के शस्त्र थाने के माल खाने में जमा करा लिए हैं.
मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी, इस समय गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. पूर्वांचल के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी अफजाल की अच्छी पकड़ है. 2014 लोकसभा चुनाव में अफजाल ने मनोज सिन्हा को हराया था.
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