योगी सरकार ने प्रदेश के सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा संस्थान एसजीपीजीआई में 2969 पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है। यह सभी पद गैर शैक्षणिक संवर्ग के हैं। इनमें से 286 पद आउटसोर्सिंग के जरिए भरे जाएंगे। सोमवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने इसका आदेश जारी कर दिया। इसी माह प्रदेश सरकार ने केजीएमयू और लोहिया संस्थान में भी करीब 14 हजार पदों के सृजन को स्वीकृति दी है।
प्रदेश सरकार यूपी के सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा संस्थानों में स्टाफ की कमी को पूरा कर रही है। दरअसल एमसीआई व एनएमसी के मानकों के हिसाब से सभी चिकित्सा संस्थानों, विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों के लिए शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों के लिए पदों के सृजन का पांच सितंबर को शासनादेश जारी किया गया था। इसी क्रम में लखनऊ स्थित एसजीपीआई में गैर शैक्षणिक संवर्ग में 35 वर्गों के नियमित श्रेणी के कुल 2969 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 2683 पद नियमित श्रेणी के तथा 286 पद आउटसोर्सिंग श्रेणी के हैं। इन पदों पर भर्ती होने के बाद एसजीपीजीआई में स्टाफ की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी। इनमें नर्स, पैरामेडिकल, लिपिक व अन्य पद शामिल हैं।
केजीएमयू-लोहिया में 14 हजार पद हो चुके स्वीकृत
राज्य सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य रखा है। इस कड़ी में अब तक दर्जनभर से अधिक जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदला जा चुका है। ऐसे में अब संचालित होने वाले मेडिकल कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की इसी कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने पूर्व में 45 हजार पदों का सृजन किया था। अब प्रदेश के सुपर स्पेशियलिटी संस्थानों की बारी है। एक दिसंबर को लखनऊ के केजीएमयू में कुल 10 हजार 42 पद सृजित किए गए थे। इनमें 1256 पद फैकल्टी के हैं। इसके अलावा 8 हजार 786 गैर शैक्षणिक पद हैं। वहीं लोहिया संस्थान में भी कुल 3862 पदों के सृजन को मंजूरी मिली थी। इसमें 803 पद शैक्षणिक और 3059 गैर शैक्षणिक पद शामिल हैं।