उत्तर प्रदेश में पैसा लगाने को लेकर निवेशकों की हिचक कैसे दूर हुई है, उद्योग विभाग के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं. प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि महज तीन साल में एक लाख 88 हजार करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतर रहा है. अगर इन आंकड़ों को गणतीय लिहाज से देंगे तो यूपी में हर दिन औसतन 172 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है.
उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद करीब दर्जन भर अलग-अलग विभागों की नीतियां बनवाईं. साथ ही प्रदेश में लॉ एंड आर्डर और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर काम शुरू किया. विभिन्न क्षेत्रों में रिकॉर्ड 186 सुधारों को लागू किया गया. इसी का परिणाम है कि महज तीन साल में प्रदेश में 156 कंपनियों ने 48 हजार 707 करोड़ रुपए का निवेश कर उत्पादन शुरू कर दिया है. इन कंपनियों में करीब एक लाख 21 हजार 770 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला है. इसके अलावा 53 हजार 955 करोड़ रुपए की लागत से 174 कंपनियां ऐसी हैं, जो प्रक्रिया में हैं और जल्द ही उत्पादन शुरू करने वाली हैं. इनमें दो लाख 38 हजार 119 लोगों के रोजगार मिलने की संभावना है. ऐसे ही 86 हजार 261 करोड़ रुपए के निवेश से 429 कंपनियों की सारी प्रक्रियाएं पूरी हो गई हैं और निवेशक प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं. इनमें 10 लाख 63 हजार 799 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. कुल 759 कंपनियां का एक लाख 88 हजार 924 करोड़ रुपए का निवेश प्रक्रिया में है और 14 लाख 23 हजार 688 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.
प्रदेश में सबसे ज्यादा निवेश इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में आया है. 32,544 करोड़ रुपए का निवेश 10 कंपनियों ने किया है. इसमें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 10 हजार करोड़ रुपए, वीवो मोबाइल्स ने 7,429 करोड़ रुपए, ओप्पो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2,000 करोड़ रुपए, होलीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 1,772 करोड़ रुपए, सनवोडा इलेक्ट्रानिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 1,500 करोड़ रुपए, केएचवाई इलेक्ट्रानिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 358 करोड़ और लिआनचुआंग (एलसीई) ने 281 करोड़ का निवेश गौतमबुद्धनगर में कर के कार्य शुरू कर दिया है. दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा निवेश 15 हजार 963 करोड़ रुपए की लागत से रिन्यूअल एनर्जी में 18 कंपनियों ने किया है. मिर्जापुर जिले में ढाई सौ करोड़ रुपए की लागत से एमप्लस एनर्जी साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने काम शुरू भी कर दिया है. तीसरे नंबर पर टेलीकॉम की दो कंपनियों रिलायंस जीओ इंफोकॉम लिमिटेड ने 10 हजार करोड़ रुपए और बीएसएनएल ने 5,000 करोड़ रुपए का निवेश कर कार्य शुरू कर दिया है.
सूबे में अब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी पांव पसार रहा है. अगर कंपनियों की संख्या में देखें, तो सबसे ज्यादा 21 कंपनियों ने 10,913 करोड़ रुपए की लागत से इसी सेक्टर में निवेश किया है. स्पर्श इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 600 करोड़ रुपए और रिमझिम इस्पात ने 550 करोड़ का निवेश कानपुर देहात में किया है. केंट आरओ सिस्टम्स लिमिटेड ने 300 करोड़ का निवेश गौतमबुद्धनगर, पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने लखनऊ में 205 करोड़ का निवेश किया है. इसके अलावा एमएम फॉरगिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने 150 करोड़ का निवेश बाराबंकी में किया है. खास बात यह है कि इन सभी कंपनियों ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है. इसके बाद आईटी सेक्टर की तीन कंपनियों ने 10,800 करोड़ रुपए का निवेश किया है. इसमें वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने 35 सौ करोड़, इंफोसिस लिमिटेड ने पांच हजार करोड़ रुपए और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने 23 सौ करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव दिया है और कार्य शुरू करने की स्थिति में हैं.
टेक्सटाइल के क्षेत्र में यूपी ने नई उड़ान भरी है. चार कंपनियों ने 6,320 करोड़ का निवेश किया है. इसमें कानपुर टेक्सटाइल के बड़े हब के रूप में उभर रहा है. कानपुर प्लास्टिपैक लिमिटेड ने कानपुर देहात में दो सौ करोड़ रुपए, कानपुर में ही एक और कंपनी आरपी पॉली पैक्स ने डेढ़ सौ करोड़ रुपए का निवेश कर उत्पादन शुरू कर दिया है. इसके अलावा नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन क्लस्टर गौतमबुद्धनगर में 5,000 करोड़ रुपए और क्लेस्टो यार्न बलरामपुर में 970 करोड़ के निवेश से उत्पादन शुरू करने की स्थिति में हैं.
फूड प्रासेसिंग में आठ कंपनियों ने 4,942 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें एसएलएमजी बेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड ने लखनऊ में 300 करोड़ रुपए, बरेली में बीएल एग्रो 160 करोड़ रुपए और खट्टर इडीबल्स प्राइवेट लिमिटेड रामपुर में डेढ़ सौ करोड़ रुपए का निवेश कर उत्पादन शुरू कर दिया है. इसमें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड गौतमबुद्धनगर में 2,118 करोड़ रुपए, पेप्सिको मथुरा में 514 करोड़ रुपए, हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड गौतमबुद्धनगर में 490 करोड़ रुपए का निवेश कर रही हैं.
सेक्टर कंपनियां निवेश
इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग: 10 32,544
रिन्यूवल एनर्जी: 18 15,963
टेलीकॉम: 2 15,000
मैन्यूफैक्चरिंग: 21 10,913
आईटी: 3 10,800
इंफ्रास्ट्रक्चर: 7 9,151
टेक्सटाइल: 4 6,320
फूड प्रासेसिंग: 8 4,942.83
पावर: 3 3,901
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट: 3 2,830
हाउसिंग: 4 2,700
डिस्टिलरी: 3 725
चीनी मिल: 1 361
टूरिज्म: 1 413