एक ही जगह अगर आपको 195 देशों की करेंसी और डाक टिकट मिल जाए तो आश्चर्य होगा। गोरखपुर शहर के अंधियारी बाग के पवन गुप्ता के पास जार्ज पंचम (वर्ष 1932) और द्वितीय विश्व युद्ध के समय जारी किए गए नोट हैं। रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी इस नोट को विशेष रुप से भारतीय सेना को दिया जाना था।

महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज में कंप्यूटर के शिक्षक पवन को साल 1987 में अपने दादा की किताब से र्जाज पंचम की फोटो वाला 10 रुपये का नोट मिला था। इसके बाद उनके मामा ने उन्हें एक डॉलर की करेंसी दी। यहीं से पवन को पुरानी नोटों को संग्रहित करने का शौक लग गया।
इस काम में परिवार और रिश्तेदारों के अलावा दोस्तों ने भी मदद की। किसी को कहीं विशेष नोट, करेंसी या डाक टिकट मिलता तो पवन को दे देते। पवन ने बताया कि आजादी से पहले पांच, दस रुपये के भारतीय नोट, आजादी के बाद के दो, पांच, 10, 20 और 50 रुपये के नोट भी उनके संग्रह में शामिल हैं।
भारतीय रुपयों पर महात्मा गांधी की चश्मे वाली फोटो छपे नोट तो सामान्य तौर पर उपलब्ध हो जाएंगे, लेकिन पवन के पास चरखे के साथ बैठे महात्मा गांधी की फोटो वाला सौ रुपये का नोट भी है।
ब्राजील, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, चीन, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, रोमानिया, बोत्सावाना, स्कॉटलैंड, ट्रिनीदाद, सउदी अरब, सीरिया, यूएई, ओमान, रूस, कतर, नाइजीरिया, थाइलैंड, जापान, आस्ट्रेलिया, वियतनाम, कोरिया, इटली, स्पेन, स्विटजरलैंड, अजरबेजार, मिस्त्र, यूक्रेन, यूरोपियन यूनियन, तंजानिया, हांगकांग, लीबिया, फिजी, साउथ अफ्रीका आदि।
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