फिल्म ‘करीब’ का गाना ‘चोरी चोरी जब नजरें मिलीं’ गाना गाकर हमारे दिलों में बस चुकीं हैं गायिका संजीवनी भेलांडे। वैसे तो काम के सिलसिले में वह देश-विदेश के कई जगहें घूम चुकी हैं, लेकिन इस प्यारी सी धरती पर उनका पसंदीदा कोना कौन सा है, यह उन्होंने बताया अमर उजाला से एक बातचीत में…
भूटान के थिम्फू में जिंदगी का इंद्रधनुष
अपने कॉन्सर्ट्स की वजह से बहुत ज्यादा घूमी हूं। या यूं कहूं कि लगभग हर देश घूम चुकी हूं। इसी वजह से अब ज्यादा घूमना पसंद नहीं है। लेकिन जहां भी घूमी हूं, वहां कुछ-न-कुछ जरूर पसंद आया। जैसा कि मैंने बताया कि मैं कई देशों में कॉन्सर्ट्स कर चुकी हूं, लेकिन मुझे भारत से बाहर जाना पसंद नहीं है। मुझे अपने देश से बेहतर कुछ नहीं लगता है। यहां इतनी विविधता है, इतने रंग हैं, तो देश के बाहर घूमने क्यों जाया जाए? 
लोग दूसरे देश जाकर वहां के इतिहास को पढ़ते हैं। वहां के वर्षों पुरानी घरों को, महलों को, म्यूजियम को देखकर खुश होते हैं। मेरा कहना है कि जब यही सब देखना है, तो भारत में देखो। यहां के इतिहास से बढ़कर क्या है? इसलिए मुझे बाहर जाने से अच्छा अपने देश में घूमना ज्यादा पसंद है। अगर बात करें मेरी पसंदीदा जगह की, तो वह उड़ीसा, राजस्थान, जम्मू, केरला आदि है, लेकिन हाल ही में मैं भूटान गई थी।
भूटान मुझे बहुत अच्छा लगा। वहां की हवाएं, वहां का वातावरण, वहां की खिलखिलाती हरियाली मन को लुभाने वाली थी। मुझे शांत और सुकूनभरी जगहें ज्यादा पसंद हैं। उन्हीं में से एक है भूटान। वहां आपको कुदरत के कई रंग देखने को मिलेंगे। भूटान की राजधानी और खूबसूरत शहर थिम्फू देखकर, तो मुझे बहुत खुशी हुई। यहां का आर्किटेक्चर बहुत ही खूबसूरत है। यहां घरों की बनावट अधिकतर एक जैसी रहती है, जो देखने में बहुत सुंदर लगते हैं। घर ही नहीं, यहां के लोग भी बहुत मिलनसार हैं।
सुकूनभरा है भूटान
भूटान में स्वच्छता के प्रति भी लोग एकदम सजग रहते हैं। यहां आपको नदियों या झीलों में गंदगी नहीं दिखाई देगी। इसी तरह यहां घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं। थिम्फू शहर से 65 किमी की दूरी पर पारो नदी के तट पर हिया घाटी है। पारो नदी भूटान की प्रमुख नदी है। यही एक प्राचीन मंदिर है। दरअसल, भूटान का एयरपोर्ट भी पारो में ही है। यहां से थिम्फू जाने के लिए टैक्सी लेनी पड़ती है। मैं जब टैक्सी से थिम्फू जा रही थी, तब आस-पास का शांत और खूबसूरत वातावरण देखकर मुझे काफी सुकून मिला था। यहां का खानपान भी मुझे बहुत अच्छा लगा।
पर्यटकों की तादाद पर भी रहती है नजर
यहां की खूबसूरती देखने के लिए बहुत पर्यटक आते हैं, लेकिन मुझे वहां घूमने के दौरान ही पता लगा कि वहां पर्यटकों की भी एक सीमा है। ज्यादा पर्यटक हो जाने के बाद, वहां के अधिकारी यह ध्यान रखते हैं कि एक सीमा के बाद किसी को आने की अनुमति नहीं दी जाए। वहां सब नियम और कायदे से किया जाता है। वहां सब्जी बाजार ही देखें, तो अलग से उसके लिए एक-दो मंजिला कॉम्पलेक्स बनाया गया है, जहां सारी सब्जियां मिलती हैं। भूटान जाना मेरे लिए बहुत ही अच्छा अनुभव रहा है। यहां से मैं बहुत सारी ऊर्जा अपने साथ लाई। मैं तो अभी भी यही सोचती हूं अगर मैं भूटानी होती, तो वहीं बस जाती
ये है भूटान घूमने का बेस्ट टाइम
भूटान भ्रमण के लिए ठंड का समय बेस्ट है। गर्मियों में बर्फ पिघलने से यातायत प्रभावित होता है, क्योंकि गर्मी की वजह से बर्फ पिघलकर रोड पर आ जाते हैं। साफ-सफाई के प्रति यहां के लोग काफी जागरूक हैं। भूलकर भी वे पॉलीथिन का प्रयोग नहीं करते हैं।
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